हलगी
Type: अवनद्ध वाद्य
हलगी लकड़ी, चमड़े, लोहे और चर्मपत्र से बना एक ताल वाद्य यंत्र है। यह लोक वाद्य यंत्र महाराष्ट्र और गुजरात में पाया जाता है। महाराष्ट्र में लोक संगीतकारों द्वारा अपने संगीत तथा नृत्य अनुक्रमों में और गुजरात के पारंपरिक और लोक ढोल वादकों द्वारा मुख्य रूप उपयोग किया जाता है।
महाराष्ट्र में हलगी
Material: चर्मपत्र, लकड़ी, चमड़ा, लोहा
चर्म से ढका गोलाकार लकड़ी का डफली जैसा ढोल। चर्म को पृष्ठ भाग पर लोहे के रिंग की सहायता से चमड़े की रस्सी से बाँधा जाता है। एक जोड़ी छड़ी द्वारा बजाया जाता है। महाराष्ट्र में लोक संगीतकारों द्वारा उनके संगीत और नृत्य अनुक्रमों में उपयोग किया जाता है।
गुजरात में हलगी
Material: लोहा, चर्मपत्र, चमड़ा
यह लोहे का उथला ढाँचे वाला डफली जैसा ढोल है। इसका एक सिरा चमड़े से ढका होता है और लोहे के छल्ले में चमड़े के पट्टे द्वारा पीछे की तरफ फँसाया जाता है। बजाते वक़्त इसे एक हाथ में लेकर, कंधे के स्तर पर रखकर फिर धीरे-से थपथपाया जाता है। इसका उपयोग गुजरात के पारंपरिक और लोक ढोलकियों द्वारा किया जाता है।