ऐतरेयोपनिषद्
Author: शर्वानंद, स्वामी
Keywords: ऋग्वेद, ऐतरेय उपनिषद, ऐतरेय आरण्यक, स्वामी शर्वानंद, दर्शन, संस्कृत
Publisher: श्री रामकृष्ण मठ, मद्रास
Description: पुस्तक के परिचय में ऋग्वेद के 'ऐतरेय आरण्यक', जिसका ‘ऐतरेय उपनिषद्’ एक हिस्सा है, के लेखक की संक्षिप्त पृष्ठभूमि है। यह पुस्तक आरण्यक की विषय-वस्तु और उसके सार पर भी परिचर्चा करती है। कार्य उपनिषद के मूल अनुच्छेदों और, टिप्पणियों सहित, उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद को सम्मिलित करता है। यह प्राचीन भारतीय दर्शन का कार्य है तथा ईश्वर और आत्मा के स्वरूप, मानव अस्तित्व के अर्थ, इत्यादि, पर चर्चा सम्मिलित करता है।
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | शर्वानंद, स्वामी |
| dc.date.accessioned | 2019-03-06T17:26:32Z |
| dc.date.available | 2019-03-06T17:26:32Z |
| dc.description | पुस्तक के परिचय में ऋग्वेद के 'ऐतरेय आरण्यक', जिसका ‘ऐतरेय उपनिषद्’ एक हिस्सा है, के लेखक की संक्षिप्त पृष्ठभूमि है। यह पुस्तक आरण्यक की विषय-वस्तु और उसके सार पर भी परिचर्चा करती है। कार्य उपनिषद के मूल अनुच्छेदों और, टिप्पणियों सहित, उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद को सम्मिलित करता है। यह प्राचीन भारतीय दर्शन का कार्य है तथा ईश्वर और आत्मा के स्वरूप, मानव अस्तित्व के अर्थ, इत्यादि, पर चर्चा सम्मिलित करता है। |
| dc.format.extent | 80 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | श्री रामकृष्ण मठ, मद्रास |
| dc.subject | ऋग्वेद, ऐतरेय उपनिषद, ऐतरेय आरण्यक, स्वामी शर्वानंद, दर्शन, संस्कृत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1944 |
| dc.identifier.accessionnumber | 005282 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | शर्वानंद, स्वामी |
| dc.date.accessioned | 2019-03-06T17:26:32Z |
| dc.date.available | 2019-03-06T17:26:32Z |
| dc.description | पुस्तक के परिचय में ऋग्वेद के 'ऐतरेय आरण्यक', जिसका ‘ऐतरेय उपनिषद्’ एक हिस्सा है, के लेखक की संक्षिप्त पृष्ठभूमि है। यह पुस्तक आरण्यक की विषय-वस्तु और उसके सार पर भी परिचर्चा करती है। कार्य उपनिषद के मूल अनुच्छेदों और, टिप्पणियों सहित, उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद को सम्मिलित करता है। यह प्राचीन भारतीय दर्शन का कार्य है तथा ईश्वर और आत्मा के स्वरूप, मानव अस्तित्व के अर्थ, इत्यादि, पर चर्चा सम्मिलित करता है। |
| dc.format.extent | 80 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | श्री रामकृष्ण मठ, मद्रास |
| dc.subject | ऋग्वेद, ऐतरेय उपनिषद, ऐतरेय आरण्यक, स्वामी शर्वानंद, दर्शन, संस्कृत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1944 |
| dc.identifier.accessionnumber | 005282 |
| dc.format.medium | text |
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