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आर वी टू-नेशंस? नेशनैलिटीज़ इन इंडियन पॉलिटिक्स अ साइंटिफ़िक एंड नॉन-पार्टिज़न अप्रोच

Author: वैरानपिल्लई, एम.एस.

Keywords: राष्ट्रीयता, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, जाति संबंध, राज्य

Publisher: एम.एस. वैरानपिल्लई, मद्रास

Description: एम.एस वैरानपिल्लई द्वारा लिखित, यह पुस्तक राष्ट्र की अवधारणा का वर्णन करती है। लेखक के अनुसार, 'राष्ट्र' शब्द एक अस्पष्ट शब्द रहा है, और इसके लोकप्रिय उपयोग और वैज्ञानिक चर्चा के साथ इसने बहुत भ्रांति और असम्मति उत्पन्न की है। उन्होंने आगे बताया है कि कभी-कभी 'राज्य' और 'राष्ट्र' के मध्य भ्रांति उत्पन्न हो जाती है। लेखक द्वारा राष्ट्रीयता के विचार का भी विघटन किया गया है और इसे सुस्पष्ट रूप से समझाया गया है। पुस्तक कुछ परिभाषाओं, अवधारणाओं और विचारों को उनकी संपूर्णता और वृहत्त विस्तार से अन्वेषण कर स्पष्ट करने का सुझाव देती है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author वैरानपिल्लई, एम.एस.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-20T11:15:01Z
dc.date.available 2018-07-20T11:15:01Z
dc.description एम.एस वैरानपिल्लई द्वारा लिखित, यह पुस्तक राष्ट्र की अवधारणा का वर्णन करती है। लेखक के अनुसार, 'राष्ट्र' शब्द एक अस्पष्ट शब्द रहा है, और इसके लोकप्रिय उपयोग और वैज्ञानिक चर्चा के साथ इसने बहुत भ्रांति और असम्मति उत्पन्न की है। उन्होंने आगे बताया है कि कभी-कभी 'राज्य' और 'राष्ट्र' के मध्य भ्रांति उत्पन्न हो जाती है। लेखक द्वारा राष्ट्रीयता के विचार का भी विघटन किया गया है और इसे सुस्पष्ट रूप से समझाया गया है। पुस्तक कुछ परिभाषाओं, अवधारणाओं और विचारों को उनकी संपूर्णता और वृहत्त विस्तार से अन्वेषण कर स्पष्ट करने का सुझाव देती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xvi, 316p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एम.एस. वैरानपिल्लई, मद्रास
dc.subject राष्ट्रीयता, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, जाति संबंध, राज्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1946
dc.identifier.accessionnumber AS-000743
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author वैरानपिल्लई, एम.एस.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-20T11:15:01Z
dc.date.available 2018-07-20T11:15:01Z
dc.description एम.एस वैरानपिल्लई द्वारा लिखित, यह पुस्तक राष्ट्र की अवधारणा का वर्णन करती है। लेखक के अनुसार, 'राष्ट्र' शब्द एक अस्पष्ट शब्द रहा है, और इसके लोकप्रिय उपयोग और वैज्ञानिक चर्चा के साथ इसने बहुत भ्रांति और असम्मति उत्पन्न की है। उन्होंने आगे बताया है कि कभी-कभी 'राज्य' और 'राष्ट्र' के मध्य भ्रांति उत्पन्न हो जाती है। लेखक द्वारा राष्ट्रीयता के विचार का भी विघटन किया गया है और इसे सुस्पष्ट रूप से समझाया गया है। पुस्तक कुछ परिभाषाओं, अवधारणाओं और विचारों को उनकी संपूर्णता और वृहत्त विस्तार से अन्वेषण कर स्पष्ट करने का सुझाव देती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xvi, 316p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एम.एस. वैरानपिल्लई, मद्रास
dc.subject राष्ट्रीयता, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, जाति संबंध, राज्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1946
dc.identifier.accessionnumber AS-000743
dc.format.medium text