एग्रीकल्चरल प्रॉग्रेस इन वेस्टर्न इंडिया
Author: कीटिंग, जी.
Keywords: कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग
Publisher: लॉन्गमैंस, ग्रीन एंड को., लंदन
Description: बॉम्बे प्रेसीडेंसी के संदर्भ में लिखी गई इस पुस्तक के बारे में लेखक का दावा है कि इसमें बताए गए तथ्यों और तर्कों को बड़े पैमाने पर भारत के अन्य 'रैयतवाड़ी इलाकों' पर लागू किया जा सकता है। कार्य में नौ अध्याय शामिल हैं और बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक तक कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा करते हैं। यह इस तरह की प्रगति का आँकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानदंडों पर चर्चा करता है और अन्य देशों में की गई ऐसी प्रगति का विवरण देता है। इसमें जोत क्षेत्रों के आकार, उपकरणों, कृषि की तकनीकों, आदि, के बारे में भी विवरण शामिल हैं।
Source: कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कीटिंग, जी. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T06:40:57Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T06:40:57Z |
| dc.description | बॉम्बे प्रेसीडेंसी के संदर्भ में लिखी गई इस पुस्तक के बारे में लेखक का दावा है कि इसमें बताए गए तथ्यों और तर्कों को बड़े पैमाने पर भारत के अन्य 'रैयतवाड़ी इलाकों' पर लागू किया जा सकता है। कार्य में नौ अध्याय शामिल हैं और बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक तक कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा करते हैं। यह इस तरह की प्रगति का आँकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानदंडों पर चर्चा करता है और अन्य देशों में की गई ऐसी प्रगति का विवरण देता है। इसमें जोत क्षेत्रों के आकार, उपकरणों, कृषि की तकनीकों, आदि, के बारे में भी विवरण शामिल हैं। |
| dc.source | कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग |
| dc.format.extent | xi, 253 p. : ill.; maps |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | लॉन्गमैंस, ग्रीन एंड को., लंदन |
| dc.subject | कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1921 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004986 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कीटिंग, जी. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T06:40:57Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T06:40:57Z |
| dc.description | बॉम्बे प्रेसीडेंसी के संदर्भ में लिखी गई इस पुस्तक के बारे में लेखक का दावा है कि इसमें बताए गए तथ्यों और तर्कों को बड़े पैमाने पर भारत के अन्य 'रैयतवाड़ी इलाकों' पर लागू किया जा सकता है। कार्य में नौ अध्याय शामिल हैं और बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक तक कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा करते हैं। यह इस तरह की प्रगति का आँकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मानदंडों पर चर्चा करता है और अन्य देशों में की गई ऐसी प्रगति का विवरण देता है। इसमें जोत क्षेत्रों के आकार, उपकरणों, कृषि की तकनीकों, आदि, के बारे में भी विवरण शामिल हैं। |
| dc.source | कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग |
| dc.format.extent | xi, 253 p. : ill.; maps |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | लॉन्गमैंस, ग्रीन एंड को., लंदन |
| dc.subject | कृषि, प्रगति, भारत, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, भू जोत क्षेत्र, जी. कीटिंग |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1921 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004986 |
| dc.format.medium | text |
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