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ग्रेट डॉटर ऑफ़ इंडिया

Author: खान, अब्दुल माजिद

Keywords: आत्मकथाएँ, विजया लक्ष्मी पंडित, राजनीतिक आंदोलन, सामाजिक जीवन, सविनय अवज्ञा आंदोलन

Publisher: इंडियन प्रिंटिंग वर्क्स, लाहौर

Description: अब्दुल माजिद खान द्वारा लिखित, यह पुस्तक विजय लक्ष्मी पंडित और भारत के तत्कालीन राजनीतिक इतिहास का अध्ययन है। गांधीजी के आदर्शों के प्रति उनकी श्रद्धा उनके भाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, से भी अधिक थी। यह पुस्तक भारत की स्वतंत्रता में महिला कर्मियों द्वारा अहिंसा के रास्ते निभाई गई वीरतापूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। गतिविधियों के अपने क्षेत्र में, सविनय अवज्ञा आंदोलन और प्रांतीय सरकार के शांतिपूर्ण प्रशासन में, उनकी उपलब्धियाँ निष्ठावान स्वतंत्रता सेनानियों के समान ही हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author खान, अब्दुल माजिद
dc.date.accessioned 2019-02-23T12:15:02Z
dc.date.available 2019-02-23T12:15:02Z
dc.description अब्दुल माजिद खान द्वारा लिखित, यह पुस्तक विजय लक्ष्मी पंडित और भारत के तत्कालीन राजनीतिक इतिहास का अध्ययन है। गांधीजी के आदर्शों के प्रति उनकी श्रद्धा उनके भाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, से भी अधिक थी। यह पुस्तक भारत की स्वतंत्रता में महिला कर्मियों द्वारा अहिंसा के रास्ते निभाई गई वीरतापूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। गतिविधियों के अपने क्षेत्र में, सविनय अवज्ञा आंदोलन और प्रांतीय सरकार के शांतिपूर्ण प्रशासन में, उनकी उपलब्धियाँ निष्ठावान स्वतंत्रता सेनानियों के समान ही हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 266 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher इंडियन प्रिंटिंग वर्क्स, लाहौर
dc.subject आत्मकथाएँ, विजया लक्ष्मी पंडित, राजनीतिक आंदोलन, सामाजिक जीवन, सविनय अवज्ञा आंदोलन
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1946
dc.identifier.accessionnumber AS-026765
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author खान, अब्दुल माजिद
dc.date.accessioned 2019-02-23T12:15:02Z
dc.date.available 2019-02-23T12:15:02Z
dc.description अब्दुल माजिद खान द्वारा लिखित, यह पुस्तक विजय लक्ष्मी पंडित और भारत के तत्कालीन राजनीतिक इतिहास का अध्ययन है। गांधीजी के आदर्शों के प्रति उनकी श्रद्धा उनके भाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, से भी अधिक थी। यह पुस्तक भारत की स्वतंत्रता में महिला कर्मियों द्वारा अहिंसा के रास्ते निभाई गई वीरतापूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। गतिविधियों के अपने क्षेत्र में, सविनय अवज्ञा आंदोलन और प्रांतीय सरकार के शांतिपूर्ण प्रशासन में, उनकी उपलब्धियाँ निष्ठावान स्वतंत्रता सेनानियों के समान ही हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 266 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher इंडियन प्रिंटिंग वर्क्स, लाहौर
dc.subject आत्मकथाएँ, विजया लक्ष्मी पंडित, राजनीतिक आंदोलन, सामाजिक जीवन, सविनय अवज्ञा आंदोलन
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1946
dc.identifier.accessionnumber AS-026765
dc.format.medium text