हिस्टॉरिकल स्केचेज़ ऑफ़ द साउथ ऑफ़ इंडिया इन एन अटेम्प्ट टू ट्रेस द हिस्ट्री ऑफ़ मैसूर
Author: विल्क्स, मार्क
Keywords: इतिहास, मैसूर, सभ्यताएं, मुसलमान राजवंश, मैसूर युद्ध
Publisher: सरकारी शाखा प्रेस, मैसूर
Description: कर्नल मार्क विल्क्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक मैसूर का इतिहास प्रस्तुत करती है। शोध, कुशाग्रता, वैधता और प्रांजलता की दृष्टि से, यह कार्य अंग्रेज़ी साहित्य में मानक महत्व का है। यह पुस्तक, लेखक के दक्षिणी भारत और मैसूर के लोगों के साथ उनके अपने व्यक्तिगत अनुभवों, और उनके द्वारा विस्तारपूर्वक वर्णित तीसरे और चौथे मैसूर युद्ध अथवा वे दो अभियान जिनके साथ उनका अंतरंग संबंध रहा, और वे संबंधित अधिकारी जिनसे वे करीबी संपर्क में थे, का परिणाम है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | विल्क्स, मार्क |
| dc.date.accessioned | 2019-02-27T16:05:28Z |
| dc.date.available | 2019-02-27T16:05:28Z |
| dc.description | कर्नल मार्क विल्क्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक मैसूर का इतिहास प्रस्तुत करती है। शोध, कुशाग्रता, वैधता और प्रांजलता की दृष्टि से, यह कार्य अंग्रेज़ी साहित्य में मानक महत्व का है। यह पुस्तक, लेखक के दक्षिणी भारत और मैसूर के लोगों के साथ उनके अपने व्यक्तिगत अनुभवों, और उनके द्वारा विस्तारपूर्वक वर्णित तीसरे और चौथे मैसूर युद्ध अथवा वे दो अभियान जिनके साथ उनका अंतरंग संबंध रहा, और वे संबंधित अधिकारी जिनसे वे करीबी संपर्क में थे, का परिणाम है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 817 p.; Map |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | सरकारी शाखा प्रेस, मैसूर |
| dc.subject | इतिहास, मैसूर, सभ्यताएं, मुसलमान राजवंश, मैसूर युद्ध |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1932 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004916 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | विल्क्स, मार्क |
| dc.date.accessioned | 2019-02-27T16:05:28Z |
| dc.date.available | 2019-02-27T16:05:28Z |
| dc.description | कर्नल मार्क विल्क्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक मैसूर का इतिहास प्रस्तुत करती है। शोध, कुशाग्रता, वैधता और प्रांजलता की दृष्टि से, यह कार्य अंग्रेज़ी साहित्य में मानक महत्व का है। यह पुस्तक, लेखक के दक्षिणी भारत और मैसूर के लोगों के साथ उनके अपने व्यक्तिगत अनुभवों, और उनके द्वारा विस्तारपूर्वक वर्णित तीसरे और चौथे मैसूर युद्ध अथवा वे दो अभियान जिनके साथ उनका अंतरंग संबंध रहा, और वे संबंधित अधिकारी जिनसे वे करीबी संपर्क में थे, का परिणाम है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 817 p.; Map |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | सरकारी शाखा प्रेस, मैसूर |
| dc.subject | इतिहास, मैसूर, सभ्यताएं, मुसलमान राजवंश, मैसूर युद्ध |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1932 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004916 |
| dc.format.medium | text |
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