हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया 150 ए.डी. टू 350 ए.डी.
Author: जायसवाल, के.पी.
Keywords: इतिहास, भारत, वाकाटक साम्राज्य, साम्राज्यवाद, नागवंश
Publisher: मोतीलाल बनारसी दास पंजाब संस्कृत बुक डिपो, लाहौर
Description: के. पी. जायसवाल द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया 150 ए.डी. टू 350 ए.डी.’ वर्ष 1933 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक की विषय-वस्तु पाँच भागों में विभाजित है। ये पाँच भाग हैं - पहला, नागवंश (150 ई. से 284 ई.) के तहत भारत, दूसरा, वाकाटक साम्राज्य (284 ई. से 348 ई.), बाद के वाकाटक साम्राज्य (348 ई. से 520 ई.) पर परिशिष्ट के साथ, तीसरा, मगध (31 ईसा पूर्व से 340 ई.) का इतिहास और समुद्रगुप्त का भारत, चौथा, दक्षिणी भारत (240 ई. से 350 ई.) और उत्तर और दक्षिण का एकीकरण, पाँचवाँ, गुप्त साम्राज्यवाद के प्रभाव।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जायसवाल, के.पी. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-17T10:35:40Z 2018-06-07T03:24:37Z |
| dc.date.available | 2017-05-17T10:35:40Z 2018-06-07T03:24:37Z |
| dc.description | के. पी. जायसवाल द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया 150 ए.डी. टू 350 ए.डी.’ वर्ष 1933 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक की विषय-वस्तु पाँच भागों में विभाजित है। ये पाँच भाग हैं - पहला, नागवंश (150 ई. से 284 ई.) के तहत भारत, दूसरा, वाकाटक साम्राज्य (284 ई. से 348 ई.), बाद के वाकाटक साम्राज्य (348 ई. से 520 ई.) पर परिशिष्ट के साथ, तीसरा, मगध (31 ईसा पूर्व से 340 ई.) का इतिहास और समुद्रगुप्त का भारत, चौथा, दक्षिणी भारत (240 ई. से 350 ई.) और उत्तर और दक्षिण का एकीकरण, पाँचवाँ, गुप्त साम्राज्यवाद के प्रभाव। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xiv, 282p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मोतीलाल बनारसी दास पंजाब संस्कृत बुक डिपो, लाहौर |
| dc.subject | इतिहास, भारत, वाकाटक साम्राज्य, साम्राज्यवाद, नागवंश |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1933 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002631 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जायसवाल, के.पी. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-17T10:35:40Z 2018-06-07T03:24:37Z |
| dc.date.available | 2017-05-17T10:35:40Z 2018-06-07T03:24:37Z |
| dc.description | के. पी. जायसवाल द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया 150 ए.डी. टू 350 ए.डी.’ वर्ष 1933 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक की विषय-वस्तु पाँच भागों में विभाजित है। ये पाँच भाग हैं - पहला, नागवंश (150 ई. से 284 ई.) के तहत भारत, दूसरा, वाकाटक साम्राज्य (284 ई. से 348 ई.), बाद के वाकाटक साम्राज्य (348 ई. से 520 ई.) पर परिशिष्ट के साथ, तीसरा, मगध (31 ईसा पूर्व से 340 ई.) का इतिहास और समुद्रगुप्त का भारत, चौथा, दक्षिणी भारत (240 ई. से 350 ई.) और उत्तर और दक्षिण का एकीकरण, पाँचवाँ, गुप्त साम्राज्यवाद के प्रभाव। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xiv, 282p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मोतीलाल बनारसी दास पंजाब संस्कृत बुक डिपो, लाहौर |
| dc.subject | इतिहास, भारत, वाकाटक साम्राज्य, साम्राज्यवाद, नागवंश |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1933 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002631 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
