आइ फ़ाउंड नो पीस द जर्नल ऑफ़ अ फ़ॉरेन कॉरेस्पोंडेंट
Author: मिलर, वेब
Keywords: भूगोल, पर्यटक व्यापार, यात्रा, राष्ट्र, प्राकृतिक बाधा
Publisher: विक्टर गोलांज़, लंदन
Description: वेब मिलर द्वारा लिखित, यह पुस्तक उनके लेखक बनने के सफर का वर्णन करती है। वह शिकागो में एक रिपोर्टर के रूप में अपनी प्राकृतिक बाधाओं को दूर करने के अपने संघर्षों पर परिचर्चा करते हैं और उसका अवलोकन है कि अधिकतर मनुष्यों को उन्हीं बाधाओं का, कम या ज्यादा रूप से, सामना करना पड़ता है। पुस्तक लेखक के अखबारों के लिए कार्य करने के उनके वर्षों की भी परिचर्चा करती है, जिस दौरान लेखक प्रायः अपनी आंतरिक भावनाओं को प्रकट नहीं करते थे। पुस्तक के परवर्ती भाग में, लेखक उस घबराहट, निष्ठुरता, दहशत, पाखंड, असहिष्णुता, और अमानवीयता की परिचर्चा करते हैं जो मनुष्यों और उनके राष्ट्रों के बीच संबंधों में मौजूद होती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | मिलर, वेब |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T11:28:06Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T11:28:06Z |
| dc.description | वेब मिलर द्वारा लिखित, यह पुस्तक उनके लेखक बनने के सफर का वर्णन करती है। वह शिकागो में एक रिपोर्टर के रूप में अपनी प्राकृतिक बाधाओं को दूर करने के अपने संघर्षों पर परिचर्चा करते हैं और उसका अवलोकन है कि अधिकतर मनुष्यों को उन्हीं बाधाओं का, कम या ज्यादा रूप से, सामना करना पड़ता है। पुस्तक लेखक के अखबारों के लिए कार्य करने के उनके वर्षों की भी परिचर्चा करती है, जिस दौरान लेखक प्रायः अपनी आंतरिक भावनाओं को प्रकट नहीं करते थे। पुस्तक के परवर्ती भाग में, लेखक उस घबराहट, निष्ठुरता, दहशत, पाखंड, असहिष्णुता, और अमानवीयता की परिचर्चा करते हैं जो मनुष्यों और उनके राष्ट्रों के बीच संबंधों में मौजूद होती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 352 p |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विक्टर गोलांज़, लंदन |
| dc.subject | भूगोल, पर्यटक व्यापार, यात्रा, राष्ट्र, प्राकृतिक बाधा |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1937 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003677 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | मिलर, वेब |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T11:28:06Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T11:28:06Z |
| dc.description | वेब मिलर द्वारा लिखित, यह पुस्तक उनके लेखक बनने के सफर का वर्णन करती है। वह शिकागो में एक रिपोर्टर के रूप में अपनी प्राकृतिक बाधाओं को दूर करने के अपने संघर्षों पर परिचर्चा करते हैं और उसका अवलोकन है कि अधिकतर मनुष्यों को उन्हीं बाधाओं का, कम या ज्यादा रूप से, सामना करना पड़ता है। पुस्तक लेखक के अखबारों के लिए कार्य करने के उनके वर्षों की भी परिचर्चा करती है, जिस दौरान लेखक प्रायः अपनी आंतरिक भावनाओं को प्रकट नहीं करते थे। पुस्तक के परवर्ती भाग में, लेखक उस घबराहट, निष्ठुरता, दहशत, पाखंड, असहिष्णुता, और अमानवीयता की परिचर्चा करते हैं जो मनुष्यों और उनके राष्ट्रों के बीच संबंधों में मौजूद होती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 352 p |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विक्टर गोलांज़, लंदन |
| dc.subject | भूगोल, पर्यटक व्यापार, यात्रा, राष्ट्र, प्राकृतिक बाधा |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1937 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003677 |
| dc.format.medium | text |
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