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बिब्लियोथीका इंडिका: अ कलेक्शन ऑफ़ ओरिएंटल वर्क्स

Author: झा, गंगानाथ

Keywords: दर्शन, मीमांसा, शास्त्र, गंगानाथ झा, संस्कृत

Publisher: बंगाल एशियाटिक सोसाईटी, कलकत्ता

Description: इस कृति को गंगानाथ झा द्वारा संस्कृत से अंग्रेज़ी में अनुवादित किया गया है और इसे विषयों के अनुसार अलग-अलग खंडों में व्यवस्थित किया गया है। भूमिका, जैमिनी द्वारा प्रस्तावित ‘मीमांसा’ या पूर्व मीमांसा’ की विचार प्रणाली की संक्षिप्त पृष्ठभूमि से आरंभ होती है। यह दर्शन की कृति है और इसमें, ‘धर्म’ का सार, ज्ञान का अर्थ और शक्ति, वैदिक ग्रंथसंग्रह, आदि, पर चर्चाएँ शामिल हैं। इसमें सुचारिता मिश्रा और पारसारथी मिश्रा की टीकाओं से भी उद्धरण शामिल हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author झा, गंगानाथ
dc.date.accessioned 2017-05-01T14:13:20Z
2018-06-07T04:22:30Z
dc.date.available 2017-05-01T14:13:20Z
2018-06-07T04:22:30Z
dc.description इस कृति को गंगानाथ झा द्वारा संस्कृत से अंग्रेज़ी में अनुवादित किया गया है और इसे विषयों के अनुसार अलग-अलग खंडों में व्यवस्थित किया गया है। भूमिका, जैमिनी द्वारा प्रस्तावित ‘मीमांसा’ या पूर्व मीमांसा’ की विचार प्रणाली की संक्षिप्त पृष्ठभूमि से आरंभ होती है। यह दर्शन की कृति है और इसमें, ‘धर्म’ का सार, ज्ञान का अर्थ और शक्ति, वैदिक ग्रंथसंग्रह, आदि, पर चर्चाएँ शामिल हैं। इसमें सुचारिता मिश्रा और पारसारथी मिश्रा की टीकाओं से भी उद्धरण शामिल हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xlv, 555p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल एशियाटिक सोसाईटी, कलकत्ता
dc.relation.ispartofseries New series, nos. 965,986,1017,1055,1091,,1157 & 1183;
dc.subject दर्शन, मीमांसा, शास्त्र, गंगानाथ झा, संस्कृत
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1909
dc.identifier.accessionnumber AS-000218
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author झा, गंगानाथ
dc.date.accessioned 2017-05-01T14:13:20Z
2018-06-07T04:22:30Z
dc.date.available 2017-05-01T14:13:20Z
2018-06-07T04:22:30Z
dc.description इस कृति को गंगानाथ झा द्वारा संस्कृत से अंग्रेज़ी में अनुवादित किया गया है और इसे विषयों के अनुसार अलग-अलग खंडों में व्यवस्थित किया गया है। भूमिका, जैमिनी द्वारा प्रस्तावित ‘मीमांसा’ या पूर्व मीमांसा’ की विचार प्रणाली की संक्षिप्त पृष्ठभूमि से आरंभ होती है। यह दर्शन की कृति है और इसमें, ‘धर्म’ का सार, ज्ञान का अर्थ और शक्ति, वैदिक ग्रंथसंग्रह, आदि, पर चर्चाएँ शामिल हैं। इसमें सुचारिता मिश्रा और पारसारथी मिश्रा की टीकाओं से भी उद्धरण शामिल हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xlv, 555p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल एशियाटिक सोसाईटी, कलकत्ता
dc.relation.ispartofseries New series, nos. 965,986,1017,1055,1091,,1157 & 1183;
dc.subject दर्शन, मीमांसा, शास्त्र, गंगानाथ झा, संस्कृत
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1909
dc.identifier.accessionnumber AS-000218
dc.format.medium text