ब्रदर टू द ऑक्स: द ऑटोबायोग्राफ़ी ऑफ़ अ फ़ार्म लेबरर
Author: किचन, फ़्रेड
Keywords: आत्मकथा, कृषि मजदूर, ग्रामीण, ग्वाला, इंग्लैंड, फ़्रेड किचन
Publisher: जे.एम. डेंट, लंदन
Description: यह पुस्तक 20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुए एक कृषि मजदूर फ़्रेड किचन की आत्मकथा है। फ़्रेड उत्तरी इंग्लैंड के एक ग्रामीण के रूप में अपने जीवन, गाँवों के आसपास काम की तलाश करते हुए कारखानों, रेलवे, खनन में नौकरी करने, तथा एक ग्वाले के रूप में काम करने के बारे में लिखते हैं। यह पुस्तक खेत और गाँव के कामकाजों के बारे में व्यक्तिगत अनुभवों से प्रत्यक्ष व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है। लेखक ने अपने संघर्षों के वर्णन के साथ पुस्तक को समाप्त किया और बताया है कि कैसे वे 1933 में वर्कर्स एजुकेशन एसोसिएशन में शामिल हुए, और कैसे बाद में वे एक लेखक बन गए।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किचन, फ़्रेड |
| dc.coverage.spatial | Great Britain |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:26:14Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:26:14Z |
| dc.description | यह पुस्तक 20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुए एक कृषि मजदूर फ़्रेड किचन की आत्मकथा है। फ़्रेड उत्तरी इंग्लैंड के एक ग्रामीण के रूप में अपने जीवन, गाँवों के आसपास काम की तलाश करते हुए कारखानों, रेलवे, खनन में नौकरी करने, तथा एक ग्वाले के रूप में काम करने के बारे में लिखते हैं। यह पुस्तक खेत और गाँव के कामकाजों के बारे में व्यक्तिगत अनुभवों से प्रत्यक्ष व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है। लेखक ने अपने संघर्षों के वर्णन के साथ पुस्तक को समाप्त किया और बताया है कि कैसे वे 1933 में वर्कर्स एजुकेशन एसोसिएशन में शामिल हुए, और कैसे बाद में वे एक लेखक बन गए। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | viii, 243 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जे.एम. डेंट, लंदन |
| dc.subject | आत्मकथा, कृषि मजदूर, ग्रामीण, ग्वाला, इंग्लैंड, फ़्रेड किचन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1940 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-028821 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किचन, फ़्रेड |
| dc.coverage.spatial | Great Britain |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:26:14Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:26:14Z |
| dc.description | यह पुस्तक 20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुए एक कृषि मजदूर फ़्रेड किचन की आत्मकथा है। फ़्रेड उत्तरी इंग्लैंड के एक ग्रामीण के रूप में अपने जीवन, गाँवों के आसपास काम की तलाश करते हुए कारखानों, रेलवे, खनन में नौकरी करने, तथा एक ग्वाले के रूप में काम करने के बारे में लिखते हैं। यह पुस्तक खेत और गाँव के कामकाजों के बारे में व्यक्तिगत अनुभवों से प्रत्यक्ष व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है। लेखक ने अपने संघर्षों के वर्णन के साथ पुस्तक को समाप्त किया और बताया है कि कैसे वे 1933 में वर्कर्स एजुकेशन एसोसिएशन में शामिल हुए, और कैसे बाद में वे एक लेखक बन गए। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | viii, 243 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जे.एम. डेंट, लंदन |
| dc.subject | आत्मकथा, कृषि मजदूर, ग्रामीण, ग्वाला, इंग्लैंड, फ़्रेड किचन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1940 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-028821 |
| dc.format.medium | text |
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