बृहदारण्य-कोपनिषद
Keywords: धर्म, उपनिषद, वेद, ब्राह्मण, अनुष्ठान, यज्ञ, बृहदारण्यकोपनिषद
Publisher: [s.n.], [s.l.]
Description: बृहदारण्यकोपनिषद शतपथ ब्राह्मण का एक भाग है, और यह विषय-वस्तु उसी के कण्व संस्करण पर आधारित है। इसमें मूल संस्कृत अवतरण और उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद सम्मिलित हैं। पुस्तक में छह खंड हैं जिन्हें कई उपखंडों में विभाजित किया गया है। इसकी प्रस्तावना लंबी है और इसमें उपनिषदों, इनकी विषय-वस्तु, और इन पर श्री शंकराचार्य की टिप्पणी के विस्तृत विवरण हैं। विषय-वस्तु में विभिन्न धार्मिक विषयों जैसे कि अश्वमेध यज्ञ, हिरण्यगर्भ, देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष, इत्यादि पर परिचर्चा सम्मिलित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-26T06:37:53Z |
| dc.date.available | 2018-07-26T06:37:53Z |
| dc.description | बृहदारण्यकोपनिषद शतपथ ब्राह्मण का एक भाग है, और यह विषय-वस्तु उसी के कण्व संस्करण पर आधारित है। इसमें मूल संस्कृत अवतरण और उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद सम्मिलित हैं। पुस्तक में छह खंड हैं जिन्हें कई उपखंडों में विभाजित किया गया है। इसकी प्रस्तावना लंबी है और इसमें उपनिषदों, इनकी विषय-वस्तु, और इन पर श्री शंकराचार्य की टिप्पणी के विस्तृत विवरण हैं। विषय-वस्तु में विभिन्न धार्मिक विषयों जैसे कि अश्वमेध यज्ञ, हिरण्यगर्भ, देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष, इत्यादि पर परिचर्चा सम्मिलित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxxvi, 605 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | [s.n.], [s.l.] |
| dc.subject | धर्म, उपनिषद, वेद, ब्राह्मण, अनुष्ठान, यज्ञ, बृहदारण्यकोपनिषद |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1945 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-005288 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-26T06:37:53Z |
| dc.date.available | 2018-07-26T06:37:53Z |
| dc.description | बृहदारण्यकोपनिषद शतपथ ब्राह्मण का एक भाग है, और यह विषय-वस्तु उसी के कण्व संस्करण पर आधारित है। इसमें मूल संस्कृत अवतरण और उनके शब्दसह अंग्रेज़ी में अनुवाद सम्मिलित हैं। पुस्तक में छह खंड हैं जिन्हें कई उपखंडों में विभाजित किया गया है। इसकी प्रस्तावना लंबी है और इसमें उपनिषदों, इनकी विषय-वस्तु, और इन पर श्री शंकराचार्य की टिप्पणी के विस्तृत विवरण हैं। विषय-वस्तु में विभिन्न धार्मिक विषयों जैसे कि अश्वमेध यज्ञ, हिरण्यगर्भ, देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष, इत्यादि पर परिचर्चा सम्मिलित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxxvi, 605 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | [s.n.], [s.l.] |
| dc.subject | धर्म, उपनिषद, वेद, ब्राह्मण, अनुष्ठान, यज्ञ, बृहदारण्यकोपनिषद |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1945 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-005288 |
| dc.format.medium | text |
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