बुद्धिज़्म एंड बुद्धिस्ट पिलग्रिम्स
Author: म्यूलर, मैक्स
Keywords: समीक्षा, समुद्रयात्रा, यात्रा, ह्वेन-त्सांग, चीन, भारत, बौद्ध धर्म, बौद्ध तीर्थयात्री
Publisher: विलियम्स एंड नॉरगेट, लंदन
Description: यह दस्तावेज़ एम. स्टैनिस्लास जूलियन की कृति "वॉयजेस दे पेलरिंस बुधिस्ट्स" की समीक्षा है। 1853 में प्रकाशित पहले खंड में, ह्वेन-त्सांग की जीवनी है, जो लगभग सातवीं शताब्दी के मध्य में चीन से, मध्य एशिया के रस्ते, भारत पहुँचा था। दूसरा खंड ह्वेन-त्सांग की डायरी का अंश प्रदान करता है, जिसमें उन्होंने उन देशों के अपने अनुभवों का वर्णन किया है जहाँ उन्होंने भ्रमण किया था। इन कृतियों की समीक्षा करते हुए, लेखक ने दुनिया भर में बौद्ध धर्म और बौद्ध तीर्थयात्रियों के इतिहास की खोज की है। इस दस्तावेज़ में टाइम्स के संपादक को एक लेख (या उत्तर) भी शामिल है, जब समीक्षक की निर्वाण के विचारों पर आलोचना की गई थी।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | म्यूलर, मैक्स |
| dc.date.accessioned | 2018-07-23T11:28:25Z |
| dc.date.available | 2018-07-23T11:28:25Z |
| dc.description | यह दस्तावेज़ एम. स्टैनिस्लास जूलियन की कृति "वॉयजेस दे पेलरिंस बुधिस्ट्स" की समीक्षा है। 1853 में प्रकाशित पहले खंड में, ह्वेन-त्सांग की जीवनी है, जो लगभग सातवीं शताब्दी के मध्य में चीन से, मध्य एशिया के रस्ते, भारत पहुँचा था। दूसरा खंड ह्वेन-त्सांग की डायरी का अंश प्रदान करता है, जिसमें उन्होंने उन देशों के अपने अनुभवों का वर्णन किया है जहाँ उन्होंने भ्रमण किया था। इन कृतियों की समीक्षा करते हुए, लेखक ने दुनिया भर में बौद्ध धर्म और बौद्ध तीर्थयात्रियों के इतिहास की खोज की है। इस दस्तावेज़ में टाइम्स के संपादक को एक लेख (या उत्तर) भी शामिल है, जब समीक्षक की निर्वाण के विचारों पर आलोचना की गई थी। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 294.3 |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम्स एंड नॉरगेट, लंदन |
| dc.subject | समीक्षा, समुद्रयात्रा, यात्रा, ह्वेन-त्सांग, चीन, भारत, बौद्ध धर्म, बौद्ध तीर्थयात्री |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1857 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000434 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | म्यूलर, मैक्स |
| dc.date.accessioned | 2018-07-23T11:28:25Z |
| dc.date.available | 2018-07-23T11:28:25Z |
| dc.description | यह दस्तावेज़ एम. स्टैनिस्लास जूलियन की कृति "वॉयजेस दे पेलरिंस बुधिस्ट्स" की समीक्षा है। 1853 में प्रकाशित पहले खंड में, ह्वेन-त्सांग की जीवनी है, जो लगभग सातवीं शताब्दी के मध्य में चीन से, मध्य एशिया के रस्ते, भारत पहुँचा था। दूसरा खंड ह्वेन-त्सांग की डायरी का अंश प्रदान करता है, जिसमें उन्होंने उन देशों के अपने अनुभवों का वर्णन किया है जहाँ उन्होंने भ्रमण किया था। इन कृतियों की समीक्षा करते हुए, लेखक ने दुनिया भर में बौद्ध धर्म और बौद्ध तीर्थयात्रियों के इतिहास की खोज की है। इस दस्तावेज़ में टाइम्स के संपादक को एक लेख (या उत्तर) भी शामिल है, जब समीक्षक की निर्वाण के विचारों पर आलोचना की गई थी। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 294.3 |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम्स एंड नॉरगेट, लंदन |
| dc.subject | समीक्षा, समुद्रयात्रा, यात्रा, ह्वेन-त्सांग, चीन, भारत, बौद्ध धर्म, बौद्ध तीर्थयात्री |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1857 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000434 |
| dc.format.medium | text |
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