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चित्रलिपी 2

Author: टैगोर, रबींद्रनाथ

Keywords: रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला

Publisher: विश्व भारती प्रकाशन विभाग, कलकत्ता

Description: रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।

Source: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र


DC Field Value
dc.contributor.author टैगोर, रबींद्रनाथ
dc.date.accessioned 2019-11-29T14:59:45Z
dc.date.available 2019-11-29T14:59:45Z
dc.description रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।
dc.source इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र
dc.format.extent 3 p. ; 14 plates
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher विश्व भारती प्रकाशन विभाग, कलकत्ता
dc.subject रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1962
dc.identifier.accessionnumber 19336
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author टैगोर, रबींद्रनाथ
dc.date.accessioned 2019-11-29T14:59:45Z
dc.date.available 2019-11-29T14:59:45Z
dc.description रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।
dc.source इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र
dc.format.extent 3 p. ; 14 plates
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher विश्व भारती प्रकाशन विभाग, कलकत्ता
dc.subject रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1962
dc.identifier.accessionnumber 19336
dc.format.medium text