डेकोरेटिव डिज़ाइंस एंड क्राफ़्ट्समैनशिप ऑफ़ इंडिया
Author: भवनानी, एनाक्षी
Keywords: भारतीय कला, भारतीय शिल्प, कारीगरी, शिल्प कौशल, भारतीय डिज़ाइन, भारतीय रूपांकन, शिल्पकार, वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण, आंतरिक सज्जा, हस्तशिल्प
Publisher: डी.बी. तारापोरवाला संस, बॉम्बे
Description: इस पुस्तक में भारतीय वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण और आंतरिक सज्जा में पाए जाने वाले सजावटी साधनों के लिए प्रमुख-कारीगरों द्वारा बनाए गए कुछ पारंपरिक प्रारूपों और रूपांकनों का वर्णन है। जहाँ एक तरफ भारतीय डिज़ाइन काफ़ी शानदार थे, वहीं उनका पता लगाना करना काफ़ी मुश्किल था। इस प्रकार लेखक को उम्मीद थी कि यदि इन डिज़ाइनों के छोटे प्रतिरूपों को एकत्र किया जा सके और एक ही खंड में प्रस्तुत किया जा सके, तो यह अत्यंत उपयोगी होगा। पुस्तक में भारतीय शिल्पकारों द्वारा दिए गए योगदान को प्रदर्शित करने का भी प्रयास किया गया है। भारत के हस्तशिल्प में बढ़ती रुचि के मद्देनजर ऐसी पुस्तक की आवश्यकता का स्वागत भी किया गया।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | भवनानी, एनाक्षी |
| dc.date.accessioned | 2019-02-23T13:11:31Z |
| dc.date.available | 2019-02-23T13:11:31Z |
| dc.description | इस पुस्तक में भारतीय वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण और आंतरिक सज्जा में पाए जाने वाले सजावटी साधनों के लिए प्रमुख-कारीगरों द्वारा बनाए गए कुछ पारंपरिक प्रारूपों और रूपांकनों का वर्णन है। जहाँ एक तरफ भारतीय डिज़ाइन काफ़ी शानदार थे, वहीं उनका पता लगाना करना काफ़ी मुश्किल था। इस प्रकार लेखक को उम्मीद थी कि यदि इन डिज़ाइनों के छोटे प्रतिरूपों को एकत्र किया जा सके और एक ही खंड में प्रस्तुत किया जा सके, तो यह अत्यंत उपयोगी होगा। पुस्तक में भारतीय शिल्पकारों द्वारा दिए गए योगदान को प्रदर्शित करने का भी प्रयास किया गया है। भारत के हस्तशिल्प में बढ़ती रुचि के मद्देनजर ऐसी पुस्तक की आवश्यकता का स्वागत भी किया गया। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xv, 109 p. |
| dc.format.mimetype | Application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डी.बी. तारापोरवाला संस, बॉम्बे |
| dc.subject | भारतीय कला, भारतीय शिल्प, कारीगरी, शिल्प कौशल, भारतीय डिज़ाइन, भारतीय रूपांकन, शिल्पकार, वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण, आंतरिक सज्जा, हस्तशिल्प |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1969 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002041 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | भवनानी, एनाक्षी |
| dc.date.accessioned | 2019-02-23T13:11:31Z |
| dc.date.available | 2019-02-23T13:11:31Z |
| dc.description | इस पुस्तक में भारतीय वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण और आंतरिक सज्जा में पाए जाने वाले सजावटी साधनों के लिए प्रमुख-कारीगरों द्वारा बनाए गए कुछ पारंपरिक प्रारूपों और रूपांकनों का वर्णन है। जहाँ एक तरफ भारतीय डिज़ाइन काफ़ी शानदार थे, वहीं उनका पता लगाना करना काफ़ी मुश्किल था। इस प्रकार लेखक को उम्मीद थी कि यदि इन डिज़ाइनों के छोटे प्रतिरूपों को एकत्र किया जा सके और एक ही खंड में प्रस्तुत किया जा सके, तो यह अत्यंत उपयोगी होगा। पुस्तक में भारतीय शिल्पकारों द्वारा दिए गए योगदान को प्रदर्शित करने का भी प्रयास किया गया है। भारत के हस्तशिल्प में बढ़ती रुचि के मद्देनजर ऐसी पुस्तक की आवश्यकता का स्वागत भी किया गया। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xv, 109 p. |
| dc.format.mimetype | Application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डी.बी. तारापोरवाला संस, बॉम्बे |
| dc.subject | भारतीय कला, भारतीय शिल्प, कारीगरी, शिल्प कौशल, भारतीय डिज़ाइन, भारतीय रूपांकन, शिल्पकार, वास्तुकला, वस्त्र, शिल्प, आभूषण, आंतरिक सज्जा, हस्तशिल्प |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1969 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002041 |
| dc.format.medium | text |
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