एन एग्रीकल्चरल जियॉग्रफ़ी ऑफ़ हरयाणा
Author: जसबीर सिंह
Keywords: हरियाणा की कृषि, हरियाणा में संपोषणीय कृषि
Publisher: विशाल पब्लिकेशंस, कुरुक्षेत्र
Description: जसबीर सिंह द्वारा लिखित यह पुस्तक हरियाणा के कृषि प्रतिरूपों में हो रहे परिवर्तनों की जाँच करने के लिए शोध का एक कार्य है। इस तरह के परिवर्तन प्राकृतिक संसाधनों के विकास, सरकार की नीतियों, बीज-उर्वरक-जल प्रौद्योगिकी और कृषि क्षेत्र में आधुनिक नवोन्मेषों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इस कार्य में अंतर-क्षेत्रीय तुलना भी शामिल है और यह कृषि में क्षेत्रीय असंतुलन का चित्रण है। लेखक ने हरियाणा की कृषि की समस्याओं और संभावनाओं का विवरण भी प्रदान किया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जसबीर सिंह |
| dc.date.accessioned | 2019-03-11T15:16:54Z |
| dc.date.available | 2019-03-11T15:16:54Z |
| dc.description | जसबीर सिंह द्वारा लिखित यह पुस्तक हरियाणा के कृषि प्रतिरूपों में हो रहे परिवर्तनों की जाँच करने के लिए शोध का एक कार्य है। इस तरह के परिवर्तन प्राकृतिक संसाधनों के विकास, सरकार की नीतियों, बीज-उर्वरक-जल प्रौद्योगिकी और कृषि क्षेत्र में आधुनिक नवोन्मेषों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इस कार्य में अंतर-क्षेत्रीय तुलना भी शामिल है और यह कृषि में क्षेत्रीय असंतुलन का चित्रण है। लेखक ने हरियाणा की कृषि की समस्याओं और संभावनाओं का विवरण भी प्रदान किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 457 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विशाल पब्लिकेशंस, कुरुक्षेत्र |
| dc.subject | हरियाणा की कृषि, हरियाणा में संपोषणीय कृषि |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1976 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-023560 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जसबीर सिंह |
| dc.date.accessioned | 2019-03-11T15:16:54Z |
| dc.date.available | 2019-03-11T15:16:54Z |
| dc.description | जसबीर सिंह द्वारा लिखित यह पुस्तक हरियाणा के कृषि प्रतिरूपों में हो रहे परिवर्तनों की जाँच करने के लिए शोध का एक कार्य है। इस तरह के परिवर्तन प्राकृतिक संसाधनों के विकास, सरकार की नीतियों, बीज-उर्वरक-जल प्रौद्योगिकी और कृषि क्षेत्र में आधुनिक नवोन्मेषों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इस कार्य में अंतर-क्षेत्रीय तुलना भी शामिल है और यह कृषि में क्षेत्रीय असंतुलन का चित्रण है। लेखक ने हरियाणा की कृषि की समस्याओं और संभावनाओं का विवरण भी प्रदान किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 457 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विशाल पब्लिकेशंस, कुरुक्षेत्र |
| dc.subject | हरियाणा की कृषि, हरियाणा में संपोषणीय कृषि |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1976 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-023560 |
| dc.format.medium | text |
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