एंशिएंट इंडिया; हिस्ट्री ऑफ़ एंशिएंट इंडिया फ़ॉर 1000 इयर्स इन फ़ोर वॉल्यूम्स. (फ़्रॉम 900 बी.सी टू 100 ए.डी.)… अ मार्वलेस ऐरे ऑफ़ होल्ली न्यू एंड ऑय-ओपनिंग थीअरीज़, सब्स्टैन्शीएटेड विथ फ़ैक्ट्स एंड फ़िगर्स फ़्रॉम कॉइन्ज़, इंस्क्रिप्शंस एंड अथॉरिटेटिव राइटर्स
Author: शाह, त्रिभुवनदास एल.
Keywords: प्राचीन भारत, धर्म, शुंग राजवंश, गर्दभिला राजवंश, भारत में विदेशी आक्रमण
Publisher: शशिकांत, बड़ौदा
Description: त्रिभुवनदास एल. शाह का यह कार्य 900 ईसा पूर्व से 100 ई. तक भारत के इतिहास को सम्मिलित करता है। इस अवधि में प्राचीन भारत के इतिहास की वास्तव में रचनात्मक अवधि सम्मिलित है। यह भारत में जैन धर्म की व्यापकता से संबंधित भारतीय इतिहास का एक संस्करण है। यह पुस्तक प्राचीन भारत का संयोजित इतिहास प्रदान करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | शाह, त्रिभुवनदास एल. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-25T05:46:09Z |
| dc.date.available | 2018-07-25T05:46:09Z |
| dc.description | त्रिभुवनदास एल. शाह का यह कार्य 900 ईसा पूर्व से 100 ई. तक भारत के इतिहास को सम्मिलित करता है। इस अवधि में प्राचीन भारत के इतिहास की वास्तव में रचनात्मक अवधि सम्मिलित है। यह भारत में जैन धर्म की व्यापकता से संबंधित भारतीय इतिहास का एक संस्करण है। यह पुस्तक प्राचीन भारत का संयोजित इतिहास प्रदान करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v.i; 386 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शशिकांत, बड़ौदा |
| dc.subject | प्राचीन भारत, धर्म, शुंग राजवंश, गर्दभिला राजवंश, भारत में विदेशी आक्रमण |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1938 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002577 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | शाह, त्रिभुवनदास एल. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-25T05:46:09Z |
| dc.date.available | 2018-07-25T05:46:09Z |
| dc.description | त्रिभुवनदास एल. शाह का यह कार्य 900 ईसा पूर्व से 100 ई. तक भारत के इतिहास को सम्मिलित करता है। इस अवधि में प्राचीन भारत के इतिहास की वास्तव में रचनात्मक अवधि सम्मिलित है। यह भारत में जैन धर्म की व्यापकता से संबंधित भारतीय इतिहास का एक संस्करण है। यह पुस्तक प्राचीन भारत का संयोजित इतिहास प्रदान करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v.i; 386 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शशिकांत, बड़ौदा |
| dc.subject | प्राचीन भारत, धर्म, शुंग राजवंश, गर्दभिला राजवंश, भारत में विदेशी आक्रमण |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1938 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002577 |
| dc.format.medium | text |
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