एपिटोम ऑफ़ द ग्रामर्स ऑफ़ द ब्राहुईकी, द बलूचकी एंड द पंजाबी लैंग्वेजेज़ विद वोकैब्युलरीज़ ऑफ़ द बाराकी, द पाशी, द लघमानी, द कैशगारी, द तीरहाई, द डियर डायलेक्ट्स एंड ऑफ़ द लैंग्वेज ऑफ़ द मोगल ऐमक्स
Author: लीच, लेफ्टिनेंट आर.
Keywords: भाषाएँ, व्याकरण, शब्दावली, पंजाबी
Publisher: एशियाटिक सोसाइटी, कलकत्ता
Description: यह ब्राहुईकी, बलूचकी और पंजाबी जैसी विभिन्न भाषाओं की व्याकरण पुस्तक है। पुस्तक में प्रत्येक भाषा की वर्णमाला, संख्याओं, संज्ञाओं, सप्ताह के दिनों, और उनके क्रियारूप संयोजनों के विवरण हैं। यह, अंग्रेज़ी में इनके अनुवादों सहित, प्रत्येक भाषा के उन शब्दों की सूची भी सम्मिलित करती है जो शब्दावलियों, क्रियाओं, वाक्यांशों और संवादों का गठन करते हैं। पुस्तक इन विशेष भाषाओं में कहानियाँ और इनके अंग्रेज़ी अनुवाद भी सम्मिलित करती है। पुस्तक ब्राहुईकी भाषा से शुरु होती है, जिसके बाद बलूची और पंजाबी भाषाओं पर चर्चा की गई है। पुस्तक बाराकी, पाशी, लघमानी और तीरहाई बोलियों की शब्दावलियों के साथ समाप्त होती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | लीच, लेफ्टिनेंट आर. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-12T06:48:49Z |
| dc.date.available | 2018-07-12T06:48:49Z |
| dc.description | यह ब्राहुईकी, बलूचकी और पंजाबी जैसी विभिन्न भाषाओं की व्याकरण पुस्तक है। पुस्तक में प्रत्येक भाषा की वर्णमाला, संख्याओं, संज्ञाओं, सप्ताह के दिनों, और उनके क्रियारूप संयोजनों के विवरण हैं। यह, अंग्रेज़ी में इनके अनुवादों सहित, प्रत्येक भाषा के उन शब्दों की सूची भी सम्मिलित करती है जो शब्दावलियों, क्रियाओं, वाक्यांशों और संवादों का गठन करते हैं। पुस्तक इन विशेष भाषाओं में कहानियाँ और इनके अंग्रेज़ी अनुवाद भी सम्मिलित करती है। पुस्तक ब्राहुईकी भाषा से शुरु होती है, जिसके बाद बलूची और पंजाबी भाषाओं पर चर्चा की गई है। पुस्तक बाराकी, पाशी, लघमानी और तीरहाई बोलियों की शब्दावलियों के साथ समाप्त होती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 64 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | एशियाटिक सोसाइटी, कलकत्ता |
| dc.subject | भाषाएँ, व्याकरण, शब्दावली, पंजाबी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1838 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001513 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | लीच, लेफ्टिनेंट आर. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-12T06:48:49Z |
| dc.date.available | 2018-07-12T06:48:49Z |
| dc.description | यह ब्राहुईकी, बलूचकी और पंजाबी जैसी विभिन्न भाषाओं की व्याकरण पुस्तक है। पुस्तक में प्रत्येक भाषा की वर्णमाला, संख्याओं, संज्ञाओं, सप्ताह के दिनों, और उनके क्रियारूप संयोजनों के विवरण हैं। यह, अंग्रेज़ी में इनके अनुवादों सहित, प्रत्येक भाषा के उन शब्दों की सूची भी सम्मिलित करती है जो शब्दावलियों, क्रियाओं, वाक्यांशों और संवादों का गठन करते हैं। पुस्तक इन विशेष भाषाओं में कहानियाँ और इनके अंग्रेज़ी अनुवाद भी सम्मिलित करती है। पुस्तक ब्राहुईकी भाषा से शुरु होती है, जिसके बाद बलूची और पंजाबी भाषाओं पर चर्चा की गई है। पुस्तक बाराकी, पाशी, लघमानी और तीरहाई बोलियों की शब्दावलियों के साथ समाप्त होती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 64 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | एशियाटिक सोसाइटी, कलकत्ता |
| dc.subject | भाषाएँ, व्याकरण, शब्दावली, पंजाबी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1838 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001513 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
