एठ मंथ्स कैम्पेन अगेंस्ट द बंगाल सिपॉय आर्मी ड्यूरिंग द म्युटिनी ऑफ़ 1857
Author: बाउशर, कर्नल जॉर्ज
Keywords: अंग्रेज़, स्वतंत्रता का युद्ध, विद्रोह, 1857, बंगाल, घेराबंदी
Publisher: स्मिथ, एल्डर एंड को. लंदन
Description: यह 1857 के विद्रोह का, अंग्रेज़ों के दृष्टिकोण से, एक दुर्लभ वृत्तांत है। इसमें शामिल बारह अध्याय विद्रोह के आरंभ से लेकर उसके पूर्ण दमन तक अंग्रेजों के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों का मार्गदर्शन करते हैं। यह उस समय की संस्कृति और प्रसिद्ध युद्ध चित्रकारियों, जैसे कि 'रिलीफ़ इन लखनऊ' ('लखनऊ में राहत'), के बारे में भी बात करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बाउशर, कर्नल जॉर्ज |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T14:50:28Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T14:50:28Z |
| dc.description | यह 1857 के विद्रोह का, अंग्रेज़ों के दृष्टिकोण से, एक दुर्लभ वृत्तांत है। इसमें शामिल बारह अध्याय विद्रोह के आरंभ से लेकर उसके पूर्ण दमन तक अंग्रेजों के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों का मार्गदर्शन करते हैं। यह उस समय की संस्कृति और प्रसिद्ध युद्ध चित्रकारियों, जैसे कि 'रिलीफ़ इन लखनऊ' ('लखनऊ में राहत'), के बारे में भी बात करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 202 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | हिंदी |
| dc.publisher | स्मिथ, एल्डर एंड को. लंदन |
| dc.subject | अंग्रेज़, स्वतंत्रता का युद्ध, विद्रोह, 1857, बंगाल, घेराबंदी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1858 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003296 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बाउशर, कर्नल जॉर्ज |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T14:50:28Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T14:50:28Z |
| dc.description | यह 1857 के विद्रोह का, अंग्रेज़ों के दृष्टिकोण से, एक दुर्लभ वृत्तांत है। इसमें शामिल बारह अध्याय विद्रोह के आरंभ से लेकर उसके पूर्ण दमन तक अंग्रेजों के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों का मार्गदर्शन करते हैं। यह उस समय की संस्कृति और प्रसिद्ध युद्ध चित्रकारियों, जैसे कि 'रिलीफ़ इन लखनऊ' ('लखनऊ में राहत'), के बारे में भी बात करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 202 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | हिंदी |
| dc.publisher | स्मिथ, एल्डर एंड को. लंदन |
| dc.subject | अंग्रेज़, स्वतंत्रता का युद्ध, विद्रोह, 1857, बंगाल, घेराबंदी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1858 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003296 |
| dc.format.medium | text |
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