एथनो-म्युज़िकोलॉजी एंड इंडिया
Author: भट्टाचार्य, सुधीभूषण
Keywords: संगीत, भारतीय संगीत, कर्नाटक संगीत, लोक संगीत
Publisher: इंडियन पब्लिकेशंस, कलकत्ता
Description: सुधीभूषण भट्टाचार्य द्वारा लिखित यह पुस्तक भारतीय संगीत का व्यापक अध्ययन प्रस्तुत करती है। छह अध्यायों में विभाजित, यह पुस्तक भारतीय संगीत का परिचय देते हुए, इसकी विशेषताओं और इतिहास के साथ आरंभ होती है। पहले दो अध्यायों का उद्देश्य नृजातीय-संगीतशास्त्र, इसके अर्थ और परिष्कृत और अपरिष्कृत संगीत के प्रकारों से अवगत कराना है। उत्तरगामी अध्यायों में भारतीय संगीत, इसका अर्थ, यह कैसे गया जाता है, इसकी ताल और सरगम, पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। इस पुस्तक में भारत के लोक संगीत पर भी चर्चा की गई है और यह बताया गया है कि वह किस प्रकार से विभिन्न समुदायों और उनके प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के अनुरूप परिवर्तित होता है।
Source: संगीत नाटक अकादमी
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: संगीत नाटक अकादमी
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | भट्टाचार्य, सुधीभूषण |
| dc.date.accessioned | 2017-04-21T12:32:46Z |
| dc.date.available | 2017-04-21T12:32:46Z |
| dc.description | सुधीभूषण भट्टाचार्य द्वारा लिखित यह पुस्तक भारतीय संगीत का व्यापक अध्ययन प्रस्तुत करती है। छह अध्यायों में विभाजित, यह पुस्तक भारतीय संगीत का परिचय देते हुए, इसकी विशेषताओं और इतिहास के साथ आरंभ होती है। पहले दो अध्यायों का उद्देश्य नृजातीय-संगीतशास्त्र, इसके अर्थ और परिष्कृत और अपरिष्कृत संगीत के प्रकारों से अवगत कराना है। उत्तरगामी अध्यायों में भारतीय संगीत, इसका अर्थ, यह कैसे गया जाता है, इसकी ताल और सरगम, पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। इस पुस्तक में भारत के लोक संगीत पर भी चर्चा की गई है और यह बताया गया है कि वह किस प्रकार से विभिन्न समुदायों और उनके प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के अनुरूप परिवर्तित होता है। |
| dc.source | संगीत नाटक अकादमी |
| dc.format.extent | iv,102p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | इंडियन पब्लिकेशंस, कलकत्ता |
| dc.subject | संगीत, भारतीय संगीत, कर्नाटक संगीत, लोक संगीत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | भट्टाचार्य, सुधीभूषण |
| dc.date.accessioned | 2017-04-21T12:32:46Z |
| dc.date.available | 2017-04-21T12:32:46Z |
| dc.description | सुधीभूषण भट्टाचार्य द्वारा लिखित यह पुस्तक भारतीय संगीत का व्यापक अध्ययन प्रस्तुत करती है। छह अध्यायों में विभाजित, यह पुस्तक भारतीय संगीत का परिचय देते हुए, इसकी विशेषताओं और इतिहास के साथ आरंभ होती है। पहले दो अध्यायों का उद्देश्य नृजातीय-संगीतशास्त्र, इसके अर्थ और परिष्कृत और अपरिष्कृत संगीत के प्रकारों से अवगत कराना है। उत्तरगामी अध्यायों में भारतीय संगीत, इसका अर्थ, यह कैसे गया जाता है, इसकी ताल और सरगम, पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। इस पुस्तक में भारत के लोक संगीत पर भी चर्चा की गई है और यह बताया गया है कि वह किस प्रकार से विभिन्न समुदायों और उनके प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के अनुरूप परिवर्तित होता है। |
| dc.source | संगीत नाटक अकादमी |
| dc.format.extent | iv,102p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | इंडियन पब्लिकेशंस, कलकत्ता |
| dc.subject | संगीत, भारतीय संगीत, कर्नाटक संगीत, लोक संगीत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.format.medium | text |
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