एवोल्यूशन ऑफ़ हिंदू मॉरल आइडियल्स
Author: अय्यर, पी.एस. शिवस्वामी
Keywords: हिंदू आदर्श, भारतीय विधान मंडल, हिंदू नैतिकता, धर्म शास्त्र, आध्यात्मिक, दर्शनशास्त्र
Publisher: कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता
Description: इस पुस्तक का निर्माण कलकत्ता विश्वविद्यालय में 'हिंदू नैतिक आदर्शों के विकास' विषय पर लेखक द्वारा दिए गए कमला व्याख्यान से हुआ था। पुस्तक भारतीय विधान मंडल के विचारों की जांच करती है जो समाज के विभिन्न पंथों के सदस्यों से बना था, और जिससे हिंदू समुदाय के व्यक्तिगत और सामाजिक कानूनों पर प्रभाव पड़ा। लेखक ने इस सवाल को संबोधित किया है कि क्या हिंदू नैतिक संहिता पर्यावरणीय, राजनीतिक और आर्थिक कारकों को लेकर कठोर या लचीली थी। उन्होंने इस सवाल पर भी संक्षेप में चर्चा की और जांच की कि क्या भारत की नैतिक और सामाजिक प्रगति के लिए हिंदू धर्म का प्रभाव घातक था।
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | अय्यर, पी.एस. शिवस्वामी |
| dc.date.accessioned | 2019-03-07T12:35:12Z |
| dc.date.available | 2019-03-07T12:35:12Z |
| dc.description | इस पुस्तक का निर्माण कलकत्ता विश्वविद्यालय में 'हिंदू नैतिक आदर्शों के विकास' विषय पर लेखक द्वारा दिए गए कमला व्याख्यान से हुआ था। पुस्तक भारतीय विधान मंडल के विचारों की जांच करती है जो समाज के विभिन्न पंथों के सदस्यों से बना था, और जिससे हिंदू समुदाय के व्यक्तिगत और सामाजिक कानूनों पर प्रभाव पड़ा। लेखक ने इस सवाल को संबोधित किया है कि क्या हिंदू नैतिक संहिता पर्यावरणीय, राजनीतिक और आर्थिक कारकों को लेकर कठोर या लचीली थी। उन्होंने इस सवाल पर भी संक्षेप में चर्चा की और जांच की कि क्या भारत की नैतिक और सामाजिक प्रगति के लिए हिंदू धर्म का प्रभाव घातक था। |
| dc.format.extent | xix 242 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता |
| dc.relation.ispartofseries | The Kamla Lectures |
| dc.subject | हिंदू आदर्श, भारतीय विधान मंडल, हिंदू नैतिकता, धर्म शास्त्र, आध्यात्मिक, दर्शनशास्त्र |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1935 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000509 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | अय्यर, पी.एस. शिवस्वामी |
| dc.date.accessioned | 2019-03-07T12:35:12Z |
| dc.date.available | 2019-03-07T12:35:12Z |
| dc.description | इस पुस्तक का निर्माण कलकत्ता विश्वविद्यालय में 'हिंदू नैतिक आदर्शों के विकास' विषय पर लेखक द्वारा दिए गए कमला व्याख्यान से हुआ था। पुस्तक भारतीय विधान मंडल के विचारों की जांच करती है जो समाज के विभिन्न पंथों के सदस्यों से बना था, और जिससे हिंदू समुदाय के व्यक्तिगत और सामाजिक कानूनों पर प्रभाव पड़ा। लेखक ने इस सवाल को संबोधित किया है कि क्या हिंदू नैतिक संहिता पर्यावरणीय, राजनीतिक और आर्थिक कारकों को लेकर कठोर या लचीली थी। उन्होंने इस सवाल पर भी संक्षेप में चर्चा की और जांच की कि क्या भारत की नैतिक और सामाजिक प्रगति के लिए हिंदू धर्म का प्रभाव घातक था। |
| dc.format.extent | xix 242 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता |
| dc.relation.ispartofseries | The Kamla Lectures |
| dc.subject | हिंदू आदर्श, भारतीय विधान मंडल, हिंदू नैतिकता, धर्म शास्त्र, आध्यात्मिक, दर्शनशास्त्र |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1935 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000509 |
| dc.format.medium | text |
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