अ गाइड टू द ओल्ड ऑब्ज़र्वेटरीज़: एट डेल्ही, जयपुर, उज्जैन, बनारस
Author: केय, जी.आर.
Keywords: वेधशालाएँ– दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, बनारस; बीजगणित; जय सिंह
Publisher: डब्ल्यूएम.एच. एलन, लंदन
Description: जी आर केय द्वारा लिखित यह पुस्तक दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस की पुरानी वेधशालाओं की मार्गदर्शिका है। इस पुस्तक की शुरुआत जय सिंह, उनके खगोलीय ज्ञान के स्रोतों और उनके पुस्तकीय कार्य से होती है। तत्पश्चात पुस्तक में धातु और चिनाई उपकरणों पर एक खंड सम्मिलित है। इसके बाद इसमें दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस में वेधशालाओं का विस्तारपूर्वक और विस्तृत वर्णन किया गया है। जय सिंह के कार्य के ऐतिहासिक मूल्य के बारे में विवरण पुस्तक का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | केय, जी.आर. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T11:19:03Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T11:19:03Z |
| dc.description | जी आर केय द्वारा लिखित यह पुस्तक दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस की पुरानी वेधशालाओं की मार्गदर्शिका है। इस पुस्तक की शुरुआत जय सिंह, उनके खगोलीय ज्ञान के स्रोतों और उनके पुस्तकीय कार्य से होती है। तत्पश्चात पुस्तक में धातु और चिनाई उपकरणों पर एक खंड सम्मिलित है। इसके बाद इसमें दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस में वेधशालाओं का विस्तारपूर्वक और विस्तृत वर्णन किया गया है। जय सिंह के कार्य के ऐतिहासिक मूल्य के बारे में विवरण पुस्तक का एक महत्वपूर्ण पहलू है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxiii, 185 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यूएम.एच. एलन, लंदन |
| dc.subject | वेधशालाएँ– दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, बनारस; बीजगणित; जय सिंह |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1920 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001691 |
| dc.format.medium | text |
| dc.contributor.translator | Sundaracharya, M. |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | केय, जी.आर. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T11:19:03Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T11:19:03Z |
| dc.description | जी आर केय द्वारा लिखित यह पुस्तक दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस की पुरानी वेधशालाओं की मार्गदर्शिका है। इस पुस्तक की शुरुआत जय सिंह, उनके खगोलीय ज्ञान के स्रोतों और उनके पुस्तकीय कार्य से होती है। तत्पश्चात पुस्तक में धातु और चिनाई उपकरणों पर एक खंड सम्मिलित है। इसके बाद इसमें दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और बनारस में वेधशालाओं का विस्तारपूर्वक और विस्तृत वर्णन किया गया है। जय सिंह के कार्य के ऐतिहासिक मूल्य के बारे में विवरण पुस्तक का एक महत्वपूर्ण पहलू है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxiii, 185 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यूएम.एच. एलन, लंदन |
| dc.subject | वेधशालाएँ– दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, बनारस; बीजगणित; जय सिंह |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1920 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001691 |
| dc.format.medium | text |
| dc.contributor.translator | Sundaracharya, M. |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
