अ हिस्ट्री ऑफ़ द इंडियन म्यूटनी, वॉल्यूम II
Author: फ़ॉरेस्ट, जी.डब्ल्यू.
Keywords: भारतीय सैन्य विद्रोह, 1857, जेम्स आउट्राम, सर कॉलिन, लख़नऊ की घेराबंदी, जी.डब्ल्यू. फ़ॉरेस्ट
Publisher: विलियम ब्लैकवुड एंड संस, एडिनबरा
Description: 1857 के भारतीय सैन्य विद्रोह (जैसा कि इसे प्रायः भारत के ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच कहा जाता था) के वर्णन का दूसरा खंड कलकत्ता में सर जेम्स आउट्राम के आगमन से कहानी को फिर से शुरु करता है। इस प्रकार, यह अध्याय XXVI से शुरू होता है। इसमें विभिन्न स्थानों, जहाँ विद्रोह हुए जैसे अवध, कानपुर और लख़नऊ, पर ब्रिटिश संचालनों का विस्तृत वर्णन है। पुस्तक मुख्य ब्रिटिश अधिकारियों, जो विद्रोह को रोकने में कामयाब रहे, की कार्यवाहियों और निर्णयों की परिचर्चा तथा सराहना करती है। पुस्तक में विभिन्न महत्वपूर्ण चित्र, रेखा चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | फ़ॉरेस्ट, जी.डब्ल्यू. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:27:20Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:27:20Z |
| dc.description | 1857 के भारतीय सैन्य विद्रोह (जैसा कि इसे प्रायः भारत के ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच कहा जाता था) के वर्णन का दूसरा खंड कलकत्ता में सर जेम्स आउट्राम के आगमन से कहानी को फिर से शुरु करता है। इस प्रकार, यह अध्याय XXVI से शुरू होता है। इसमें विभिन्न स्थानों, जहाँ विद्रोह हुए जैसे अवध, कानपुर और लख़नऊ, पर ब्रिटिश संचालनों का विस्तृत वर्णन है। पुस्तक मुख्य ब्रिटिश अधिकारियों, जो विद्रोह को रोकने में कामयाब रहे, की कार्यवाहियों और निर्णयों की परिचर्चा तथा सराहना करती है। पुस्तक में विभिन्न महत्वपूर्ण चित्र, रेखा चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 2 v. (various pagination) |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम ब्लैकवुड एंड संस, एडिनबरा |
| dc.subject | भारतीय सैन्य विद्रोह, 1857, जेम्स आउट्राम, सर कॉलिन, लख़नऊ की घेराबंदी, जी.डब्ल्यू. फ़ॉरेस्ट |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1904 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003270 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | फ़ॉरेस्ट, जी.डब्ल्यू. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:27:20Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:27:20Z |
| dc.description | 1857 के भारतीय सैन्य विद्रोह (जैसा कि इसे प्रायः भारत के ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच कहा जाता था) के वर्णन का दूसरा खंड कलकत्ता में सर जेम्स आउट्राम के आगमन से कहानी को फिर से शुरु करता है। इस प्रकार, यह अध्याय XXVI से शुरू होता है। इसमें विभिन्न स्थानों, जहाँ विद्रोह हुए जैसे अवध, कानपुर और लख़नऊ, पर ब्रिटिश संचालनों का विस्तृत वर्णन है। पुस्तक मुख्य ब्रिटिश अधिकारियों, जो विद्रोह को रोकने में कामयाब रहे, की कार्यवाहियों और निर्णयों की परिचर्चा तथा सराहना करती है। पुस्तक में विभिन्न महत्वपूर्ण चित्र, रेखा चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 2 v. (various pagination) |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम ब्लैकवुड एंड संस, एडिनबरा |
| dc.subject | भारतीय सैन्य विद्रोह, 1857, जेम्स आउट्राम, सर कॉलिन, लख़नऊ की घेराबंदी, जी.डब्ल्यू. फ़ॉरेस्ट |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1904 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003270 |
| dc.format.medium | text |
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