अ हिस्ट्री ऑफ़ द मराठा पीपल
Author: किनकैड, सी.ए.
Keywords: मराठा इतिहास, किनकैड, पारसनीस, भोंसले, शिवाजी, पेशवा, बाजीराव, मस्तानी
Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन
Description: मूल रूप से तीन खंडों में प्रकाशित, यह पारसनीस और किनकैड के मराठों के इतिहास के विवरण का दूसरा संस्करण है, जो एक ही पुस्तक में संकलित है। कहानी 1600 ई. में भोंसले के उत्थान से शुरू होती है और 1800 के दशक में समाप्त होती है। यह आंतरिक राजनीतिक गतिकी, युद्धों, संधियों और अन्य समकालीन सत्तारूढ़ शासकों के साथ गठबंधन से संबंधित मराठों का एक व्यापक राजनीतिक वर्णन है। पुस्तक में कुछ मानचित्र और शाहजी, बाजीराव प्रथम, मस्तानी, नाना फ़ड़णवीस इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों के दिलचस्प चित्र भी हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किनकैड, सी.ए. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-12T13:24:15Z |
| dc.date.available | 2019-03-12T13:24:15Z |
| dc.description | मूल रूप से तीन खंडों में प्रकाशित, यह पारसनीस और किनकैड के मराठों के इतिहास के विवरण का दूसरा संस्करण है, जो एक ही पुस्तक में संकलित है। कहानी 1600 ई. में भोंसले के उत्थान से शुरू होती है और 1800 के दशक में समाप्त होती है। यह आंतरिक राजनीतिक गतिकी, युद्धों, संधियों और अन्य समकालीन सत्तारूढ़ शासकों के साथ गठबंधन से संबंधित मराठों का एक व्यापक राजनीतिक वर्णन है। पुस्तक में कुछ मानचित्र और शाहजी, बाजीराव प्रथम, मस्तानी, नाना फ़ड़णवीस इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों के दिलचस्प चित्र भी हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 503 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन |
| dc.subject | मराठा इतिहास, किनकैड, पारसनीस, भोंसले, शिवाजी, पेशवा, बाजीराव, मस्तानी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1918 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002847 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किनकैड, सी.ए. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-12T13:24:15Z |
| dc.date.available | 2019-03-12T13:24:15Z |
| dc.description | मूल रूप से तीन खंडों में प्रकाशित, यह पारसनीस और किनकैड के मराठों के इतिहास के विवरण का दूसरा संस्करण है, जो एक ही पुस्तक में संकलित है। कहानी 1600 ई. में भोंसले के उत्थान से शुरू होती है और 1800 के दशक में समाप्त होती है। यह आंतरिक राजनीतिक गतिकी, युद्धों, संधियों और अन्य समकालीन सत्तारूढ़ शासकों के साथ गठबंधन से संबंधित मराठों का एक व्यापक राजनीतिक वर्णन है। पुस्तक में कुछ मानचित्र और शाहजी, बाजीराव प्रथम, मस्तानी, नाना फ़ड़णवीस इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों के दिलचस्प चित्र भी हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 503 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन |
| dc.subject | मराठा इतिहास, किनकैड, पारसनीस, भोंसले, शिवाजी, पेशवा, बाजीराव, मस्तानी |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1918 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002847 |
| dc.format.medium | text |
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