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अ हिस्ट्री ऑफ़ द मराठा पीपल, वॉल्यूम II

Author: किनकैड, सी.ए.
पारसनीस, डी.बी.

Keywords: मराठा इतिहास, शिवाजी, शाहू, भोंसले, अंग्रेज़, फ़्रांसीसी

Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन

Description: किनकैड और पारसनीस के मराठों के इतिहास के विवरणों के तीन खंडों में से दूसरा, यह ‘शिवाजी की मृत्यु से शाहू की मृत्यु तक’ की अवधि को सम्मिलित करता है। यह संभाजी के 1680 ई. में राज्यारोहण से शुरू होता है। पुस्तक मुगल-मराठा तनाव और युद्धों, तथा गुजरात, मालवा, और कोंकण जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर मराठों की विजय की भी परिचर्चा करती है। यह 1750 ई. में शाहू की मृत्यु के बाद भोंसलों के पतन के साथ समाप्त होती है। खंड में उपयोगी चित्र और मानचित्र भी हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author किनकैड, सी.ए.
पारसनीस, डी.बी.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T09:43:06Z
dc.date.available 2018-07-23T09:43:06Z
dc.description किनकैड और पारसनीस के मराठों के इतिहास के विवरणों के तीन खंडों में से दूसरा, यह ‘शिवाजी की मृत्यु से शाहू की मृत्यु तक’ की अवधि को सम्मिलित करता है। यह संभाजी के 1680 ई. में राज्यारोहण से शुरू होता है। पुस्तक मुगल-मराठा तनाव और युद्धों, तथा गुजरात, मालवा, और कोंकण जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर मराठों की विजय की भी परिचर्चा करती है। यह 1750 ई. में शाहू की मृत्यु के बाद भोंसलों के पतन के साथ समाप्त होती है। खंड में उपयोगी चित्र और मानचित्र भी हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 332 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन
dc.subject मराठा इतिहास, शिवाजी, शाहू, भोंसले, अंग्रेज़, फ़्रांसीसी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1922
dc.identifier.accessionnumber AS-002845
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author किनकैड, सी.ए.
पारसनीस, डी.बी.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T09:43:06Z
dc.date.available 2018-07-23T09:43:06Z
dc.description किनकैड और पारसनीस के मराठों के इतिहास के विवरणों के तीन खंडों में से दूसरा, यह ‘शिवाजी की मृत्यु से शाहू की मृत्यु तक’ की अवधि को सम्मिलित करता है। यह संभाजी के 1680 ई. में राज्यारोहण से शुरू होता है। पुस्तक मुगल-मराठा तनाव और युद्धों, तथा गुजरात, मालवा, और कोंकण जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर मराठों की विजय की भी परिचर्चा करती है। यह 1750 ई. में शाहू की मृत्यु के बाद भोंसलों के पतन के साथ समाप्त होती है। खंड में उपयोगी चित्र और मानचित्र भी हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 332 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन
dc.subject मराठा इतिहास, शिवाजी, शाहू, भोंसले, अंग्रेज़, फ़्रांसीसी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1922
dc.identifier.accessionnumber AS-002845
dc.format.medium text