अ हिस्ट्री ऑफ़ द मराठा पीपल वॉल्यूम III
Author: किनकैड, सी.ए.
पारसनीस, राव बहादुर डी.बी.
Keywords: मराठा इतिहास, चितपावन महाकाव्य, किनकैड, पारसनीस, महिलाओं का युद्ध, पेशवा, बाजीराव
Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन
Description: यह मराठों के इतिहास का तीसरा और अंतिम खंड है जैसा कि सी.अ. किनकैड और राव बहादुर पारसनीस द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक अध्याय XLVIII से शुरू होती है और ‘शाहू की मृत्यु से चितपावन महाकाव्य' (ई. 1750 से 1800 के दशक) तक, यह सब कुछ सम्मिलित करती है। यह पुस्तक, अन्य बातों के अलावा, मराठों का अंग्रेज़ों के साथ समीकारों और उनके बीच लड़े गए युद्धों की परिचर्चा करती है। यह वर्णन से संबंधित चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किनकैड, सी.ए. पारसनीस, राव बहादुर डी.बी. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-01T11:19:47Z |
| dc.date.available | 2019-03-01T11:19:47Z |
| dc.description | यह मराठों के इतिहास का तीसरा और अंतिम खंड है जैसा कि सी.अ. किनकैड और राव बहादुर पारसनीस द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक अध्याय XLVIII से शुरू होती है और ‘शाहू की मृत्यु से चितपावन महाकाव्य' (ई. 1750 से 1800 के दशक) तक, यह सब कुछ सम्मिलित करती है। यह पुस्तक, अन्य बातों के अलावा, मराठों का अंग्रेज़ों के साथ समीकारों और उनके बीच लड़े गए युद्धों की परिचर्चा करती है। यह वर्णन से संबंधित चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 254 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन |
| dc.subject | मराठा इतिहास, चितपावन महाकाव्य, किनकैड, पारसनीस, महिलाओं का युद्ध, पेशवा, बाजीराव |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1925 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002846 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | किनकैड, सी.ए. पारसनीस, राव बहादुर डी.बी. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-01T11:19:47Z |
| dc.date.available | 2019-03-01T11:19:47Z |
| dc.description | यह मराठों के इतिहास का तीसरा और अंतिम खंड है जैसा कि सी.अ. किनकैड और राव बहादुर पारसनीस द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक अध्याय XLVIII से शुरू होती है और ‘शाहू की मृत्यु से चितपावन महाकाव्य' (ई. 1750 से 1800 के दशक) तक, यह सब कुछ सम्मिलित करती है। यह पुस्तक, अन्य बातों के अलावा, मराठों का अंग्रेज़ों के साथ समीकारों और उनके बीच लड़े गए युद्धों की परिचर्चा करती है। यह वर्णन से संबंधित चित्र और मानचित्र भी सम्मिलित करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 254 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लंदन |
| dc.subject | मराठा इतिहास, चितपावन महाकाव्य, किनकैड, पारसनीस, महिलाओं का युद्ध, पेशवा, बाजीराव |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1925 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002846 |
| dc.format.medium | text |
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