अ हिस्ट्री ऑफ़ द मराठास, वॉल्यूम II
Author: डफ़, जेम्स ग्रांट
Keywords: मराठे, पेशवा, इतिहास, जेम्स ग्रांट डफ़, इतिहास
Publisher: आर. कैंब्रे, कलकत्ता
Description: 1740 ई. से प्रारंभ, जेम्स ग्रांट डफ़ द्वारा लिखित मराठों के इतिहास के तीन खंडों में से यह दूसरा है। यह खंड कालानुक्रमिक रूप से पंद्रह अध्यायों में विभाजित है, जो सत्ता, पदों और प्रांतों के लिए विभिन्न द्वंदों और युद्धों की परिचर्चा करते हैं। यह कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी और हैदराबाद के निज़ाम जैसे अन्य पड़ोसी शासकों के साथ मराठों के संबंधों का भी अन्वेषण करता है। ऐसा करते समय, पुस्तक मराठों तथा अन्य सत्तारूढ़ शासनों के बीच लड़ी गई विभिन्न लड़ाईयों, गठबंधनों, और हस्ताक्षरित संधियों का उल्लेख करती है। इस खंड का वर्णन 1785 ई. में समाप्त होता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | डफ़, जेम्स ग्रांट |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T12:40:07Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T12:40:07Z |
| dc.description | 1740 ई. से प्रारंभ, जेम्स ग्रांट डफ़ द्वारा लिखित मराठों के इतिहास के तीन खंडों में से यह दूसरा है। यह खंड कालानुक्रमिक रूप से पंद्रह अध्यायों में विभाजित है, जो सत्ता, पदों और प्रांतों के लिए विभिन्न द्वंदों और युद्धों की परिचर्चा करते हैं। यह कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी और हैदराबाद के निज़ाम जैसे अन्य पड़ोसी शासकों के साथ मराठों के संबंधों का भी अन्वेषण करता है। ऐसा करते समय, पुस्तक मराठों तथा अन्य सत्तारूढ़ शासनों के बीच लड़ी गई विभिन्न लड़ाईयों, गठबंधनों, और हस्ताक्षरित संधियों का उल्लेख करती है। इस खंड का वर्णन 1785 ई. में समाप्त होता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | various pagings |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | आर. कैंब्रे, कलकत्ता |
| dc.subject | मराठे, पेशवा, इतिहास, जेम्स ग्रांट डफ़, इतिहास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1912 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-056463 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | डफ़, जेम्स ग्रांट |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T12:40:07Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T12:40:07Z |
| dc.description | 1740 ई. से प्रारंभ, जेम्स ग्रांट डफ़ द्वारा लिखित मराठों के इतिहास के तीन खंडों में से यह दूसरा है। यह खंड कालानुक्रमिक रूप से पंद्रह अध्यायों में विभाजित है, जो सत्ता, पदों और प्रांतों के लिए विभिन्न द्वंदों और युद्धों की परिचर्चा करते हैं। यह कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी और हैदराबाद के निज़ाम जैसे अन्य पड़ोसी शासकों के साथ मराठों के संबंधों का भी अन्वेषण करता है। ऐसा करते समय, पुस्तक मराठों तथा अन्य सत्तारूढ़ शासनों के बीच लड़ी गई विभिन्न लड़ाईयों, गठबंधनों, और हस्ताक्षरित संधियों का उल्लेख करती है। इस खंड का वर्णन 1785 ई. में समाप्त होता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | various pagings |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | आर. कैंब्रे, कलकत्ता |
| dc.subject | मराठे, पेशवा, इतिहास, जेम्स ग्रांट डफ़, इतिहास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1912 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-056463 |
| dc.format.medium | text |
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