हिस्ट्री ऑफ़ द सेंट्रल प्रोविंसेस एंड बेरार
Author: सिल, जे.एन.
Keywords: मध्य प्रदेश, इतिहास, राजाओं का राजवंश, भूगोल, प्रांत
Publisher: बाबू जोगेंद्र नाथ सिल, कलकत्ता
Description: जे. एन. सिल द्वारा लिखित यह पुस्तक केंद्रीय प्रांत के पिछले इतिहास के बारे में उपयोगी जानकारी देती है। यह पुस्तक दिए गए विषय पर पहला लिखित इतिहास साबित होती है और स्पष्ट रूप से प्रांत के केंद्रीय प्रांत में संयोजित और व्यवस्थित परिवर्तन की व्याख्या करती है। लेखक आगे बताता है कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र एक राजधानी और एक ही राजवंश के राजाओं के अधीन हुआ करता था और देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने का पूर्ण हकदार है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | सिल, जे.एन. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T07:38:20Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T07:38:20Z |
| dc.description | जे. एन. सिल द्वारा लिखित यह पुस्तक केंद्रीय प्रांत के पिछले इतिहास के बारे में उपयोगी जानकारी देती है। यह पुस्तक दिए गए विषय पर पहला लिखित इतिहास साबित होती है और स्पष्ट रूप से प्रांत के केंद्रीय प्रांत में संयोजित और व्यवस्थित परिवर्तन की व्याख्या करती है। लेखक आगे बताता है कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र एक राजधानी और एक ही राजवंश के राजाओं के अधीन हुआ करता था और देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने का पूर्ण हकदार है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vii, 193 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | बाबू जोगेंद्र नाथ सिल, कलकत्ता |
| dc.subject | मध्य प्रदेश, इतिहास, राजाओं का राजवंश, भूगोल, प्रांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1917 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004448 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | सिल, जे.एन. |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T07:38:20Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T07:38:20Z |
| dc.description | जे. एन. सिल द्वारा लिखित यह पुस्तक केंद्रीय प्रांत के पिछले इतिहास के बारे में उपयोगी जानकारी देती है। यह पुस्तक दिए गए विषय पर पहला लिखित इतिहास साबित होती है और स्पष्ट रूप से प्रांत के केंद्रीय प्रांत में संयोजित और व्यवस्थित परिवर्तन की व्याख्या करती है। लेखक आगे बताता है कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र एक राजधानी और एक ही राजवंश के राजाओं के अधीन हुआ करता था और देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने का पूर्ण हकदार है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vii, 193 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | बाबू जोगेंद्र नाथ सिल, कलकत्ता |
| dc.subject | मध्य प्रदेश, इतिहास, राजाओं का राजवंश, भूगोल, प्रांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1917 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004448 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
