अ हिस्ट्री ऑफ़ द सिपॉय वॉर इन इंडिया: 1857-1858 वॉल.1
Author: केय, जॉन विलियम
Keywords: सिपाही विद्रोह, 1857 का विद्रोह, डलहौज़ी, अवध, व्यपगत का सिद्धांत, जॉन विलियम
Publisher: डब्ल्यू. एच. एलन एंड को., लंदन
Description: इस खंड को तीन अनुभागों में विभाजित किया गया है। इसके पहले अनुभाग में चार अध्याय हैं, और ये अधिकतर, लॉर्ड डलहौज़ी के प्रशासन और नीतियों, पंजाब पर विजय, व्यपगत का सिद्धांत, तथा अवध को कब्जे में करने, आदि, से संबंधित हैं। पांच अध्यायों से युक्त दूसरा अनुभाग, ब्रिटिश सेना में 'सिपाही' असंतोष के उदय और अफ़गानिस्तान में युद्ध में अंग्रेजों की हार के प्रभाव पर चर्चा करता है। अंतिम खंड में 1857 की 'सिपाही विद्रोह' ('सिपॉय म्युटिनी') की घटनाओं का वर्णन करने वाले सात अध्याय शामिल हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | केय, जॉन विलियम |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T14:45:00Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T14:45:00Z |
| dc.description | इस खंड को तीन अनुभागों में विभाजित किया गया है। इसके पहले अनुभाग में चार अध्याय हैं, और ये अधिकतर, लॉर्ड डलहौज़ी के प्रशासन और नीतियों, पंजाब पर विजय, व्यपगत का सिद्धांत, तथा अवध को कब्जे में करने, आदि, से संबंधित हैं। पांच अध्यायों से युक्त दूसरा अनुभाग, ब्रिटिश सेना में 'सिपाही' असंतोष के उदय और अफ़गानिस्तान में युद्ध में अंग्रेजों की हार के प्रभाव पर चर्चा करता है। अंतिम खंड में 1857 की 'सिपाही विद्रोह' ('सिपॉय म्युटिनी') की घटनाओं का वर्णन करने वाले सात अध्याय शामिल हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यू. एच. एलन एंड को., लंदन |
| dc.subject | सिपाही विद्रोह, 1857 का विद्रोह, डलहौज़ी, अवध, व्यपगत का सिद्धांत, जॉन विलियम |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1870 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003276 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | केय, जॉन विलियम |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T14:45:00Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T14:45:00Z |
| dc.description | इस खंड को तीन अनुभागों में विभाजित किया गया है। इसके पहले अनुभाग में चार अध्याय हैं, और ये अधिकतर, लॉर्ड डलहौज़ी के प्रशासन और नीतियों, पंजाब पर विजय, व्यपगत का सिद्धांत, तथा अवध को कब्जे में करने, आदि, से संबंधित हैं। पांच अध्यायों से युक्त दूसरा अनुभाग, ब्रिटिश सेना में 'सिपाही' असंतोष के उदय और अफ़गानिस्तान में युद्ध में अंग्रेजों की हार के प्रभाव पर चर्चा करता है। अंतिम खंड में 1857 की 'सिपाही विद्रोह' ('सिपॉय म्युटिनी') की घटनाओं का वर्णन करने वाले सात अध्याय शामिल हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यू. एच. एलन एंड को., लंदन |
| dc.subject | सिपाही विद्रोह, 1857 का विद्रोह, डलहौज़ी, अवध, व्यपगत का सिद्धांत, जॉन विलियम |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1870 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003276 |
| dc.format.medium | text |
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