हिस्ट्री ऑफ़ क्लासिकल संस्कृत लिटरेचर
Author: कृष्णमाचारियार, एम.के.
Keywords: संस्कृत साहित्य, इतिहास, श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य, साहित्य
Publisher: तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम, मद्रास
Description: एम. कृष्णमाचारी द्वारा लिखित, यह पुस्तक शास्त्रीय संस्कृत साहित्य का यथार्थपूर्ण इतिहास प्रस्तुत करती है, जिसमें इस साहित्य की सभी शाखाओं के विस्तृत विवरण के साथ-साथ, संपूर्ण पुरालेख और पुरातात्त्विक टिप्पणियाँ तथा संदर्भ, भाषा, भाषा शास्त्र और कालक्रम से संबंधित परिचय, तथा लेखकों और अन्य कार्यों का सूचकांक प्रदान किया गया है। पुस्तक संस्कृत साहित्य के तीन प्रमुख प्रकारों में विभाजित है, जैसे कि श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य और साहित्य। श्रव्य काव्य में सभी बड़ी और छोटी कविताएँ सम्मिलित हैं, द्रव्य काव्य नाटकों के प्रकार को सम्मिलित करता है, और साहित्य पद्य विज्ञान सम्मिलित करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कृष्णमाचारियार, एम.के. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-15T07:57:57Z 2018-06-07T03:15:16Z |
| dc.date.available | 2017-05-15T07:57:57Z 2018-06-07T03:15:16Z |
| dc.description | एम. कृष्णमाचारी द्वारा लिखित, यह पुस्तक शास्त्रीय संस्कृत साहित्य का यथार्थपूर्ण इतिहास प्रस्तुत करती है, जिसमें इस साहित्य की सभी शाखाओं के विस्तृत विवरण के साथ-साथ, संपूर्ण पुरालेख और पुरातात्त्विक टिप्पणियाँ तथा संदर्भ, भाषा, भाषा शास्त्र और कालक्रम से संबंधित परिचय, तथा लेखकों और अन्य कार्यों का सूचकांक प्रदान किया गया है। पुस्तक संस्कृत साहित्य के तीन प्रमुख प्रकारों में विभाजित है, जैसे कि श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य और साहित्य। श्रव्य काव्य में सभी बड़ी और छोटी कविताएँ सम्मिलित हैं, द्रव्य काव्य नाटकों के प्रकार को सम्मिलित करता है, और साहित्य पद्य विज्ञान सम्मिलित करता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 1-1124 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी, संस्कृत |
| dc.publisher | तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम, मद्रास |
| dc.subject | संस्कृत साहित्य, इतिहास, श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य, साहित्य |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1937 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002068 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कृष्णमाचारियार, एम.के. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-15T07:57:57Z 2018-06-07T03:15:16Z |
| dc.date.available | 2017-05-15T07:57:57Z 2018-06-07T03:15:16Z |
| dc.description | एम. कृष्णमाचारी द्वारा लिखित, यह पुस्तक शास्त्रीय संस्कृत साहित्य का यथार्थपूर्ण इतिहास प्रस्तुत करती है, जिसमें इस साहित्य की सभी शाखाओं के विस्तृत विवरण के साथ-साथ, संपूर्ण पुरालेख और पुरातात्त्विक टिप्पणियाँ तथा संदर्भ, भाषा, भाषा शास्त्र और कालक्रम से संबंधित परिचय, तथा लेखकों और अन्य कार्यों का सूचकांक प्रदान किया गया है। पुस्तक संस्कृत साहित्य के तीन प्रमुख प्रकारों में विभाजित है, जैसे कि श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य और साहित्य। श्रव्य काव्य में सभी बड़ी और छोटी कविताएँ सम्मिलित हैं, द्रव्य काव्य नाटकों के प्रकार को सम्मिलित करता है, और साहित्य पद्य विज्ञान सम्मिलित करता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 1-1124 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी, संस्कृत |
| dc.publisher | तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम, मद्रास |
| dc.subject | संस्कृत साहित्य, इतिहास, श्रव्य काव्य, द्रव्य काव्य, साहित्य |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1937 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002068 |
| dc.format.medium | text |
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