ह्यूमन नेचर इन रूरल इंडिया
Author: कार्स्टेयर्स, आर.
Keywords: शिष्टाचार, रीति-रिवाज, भारतीय ग्रामीण विकास, योजना, शोध, मानव बस्तियाँ, मानव प्रकृति
Publisher: विलियम ब्लैकवुड & संस, एडिनबरा
Description: आर. कार्स्टेयर्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक ग्रामीण भारत में मानव प्रकृति की लेखक की समझ को प्रस्तुत करती है। लेखक ने ग्रामीण भारत की तस्वीर पर अपनी निष्पक्ष राय दी है और मूल निवासियों के जीवन-प्रबंधन के संघर्षों पर परिचर्चा की है। उन्होंने पंजाब के समुदायों का गहन अध्ययन किया है, जैसे कि सिख और राजपूत, दूसरा उत्तर-पश्चिम प्रांतों के लोगों, और मैदानी क्षेत्रों के मुसलामान और हिंदू, बॉम्बे में भी - मराठों, मद्रास में- दक्षिण के हिंदू, तथा इन सब का विश्लेषण भी किया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कार्स्टेयर्स, आर. |
| dc.date.available | 2018-07-16T09:49:11Z |
| dc.description | आर. कार्स्टेयर्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक ग्रामीण भारत में मानव प्रकृति की लेखक की समझ को प्रस्तुत करती है। लेखक ने ग्रामीण भारत की तस्वीर पर अपनी निष्पक्ष राय दी है और मूल निवासियों के जीवन-प्रबंधन के संघर्षों पर परिचर्चा की है। उन्होंने पंजाब के समुदायों का गहन अध्ययन किया है, जैसे कि सिख और राजपूत, दूसरा उत्तर-पश्चिम प्रांतों के लोगों, और मैदानी क्षेत्रों के मुसलामान और हिंदू, बॉम्बे में भी - मराठों, मद्रास में- दक्षिण के हिंदू, तथा इन सब का विश्लेषण भी किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 344 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम ब्लैकवुड & संस, एडिनबरा |
| dc.subject | शिष्टाचार, रीति-रिवाज, भारतीय ग्रामीण विकास, योजना, शोध, मानव बस्तियाँ, मानव प्रकृति |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1895 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000693 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | कार्स्टेयर्स, आर. |
| dc.date.available | 2018-07-16T09:49:11Z |
| dc.description | आर. कार्स्टेयर्स द्वारा लिखित, यह पुस्तक ग्रामीण भारत में मानव प्रकृति की लेखक की समझ को प्रस्तुत करती है। लेखक ने ग्रामीण भारत की तस्वीर पर अपनी निष्पक्ष राय दी है और मूल निवासियों के जीवन-प्रबंधन के संघर्षों पर परिचर्चा की है। उन्होंने पंजाब के समुदायों का गहन अध्ययन किया है, जैसे कि सिख और राजपूत, दूसरा उत्तर-पश्चिम प्रांतों के लोगों, और मैदानी क्षेत्रों के मुसलामान और हिंदू, बॉम्बे में भी - मराठों, मद्रास में- दक्षिण के हिंदू, तथा इन सब का विश्लेषण भी किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 344 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | विलियम ब्लैकवुड & संस, एडिनबरा |
| dc.subject | शिष्टाचार, रीति-रिवाज, भारतीय ग्रामीण विकास, योजना, शोध, मानव बस्तियाँ, मानव प्रकृति |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1895 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000693 |
| dc.format.medium | text |
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