Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.

इकोनॉमिक ट्रांज़िशन इन इंडिया

Author: मॉरिसन, थिओडोर

Keywords: अर्थव्यवस्था, रेलवे, ऋण, भारत, इंग्लैंड, परिवर्तन, धन का अपवाह

Publisher: जॉन मरे, लंदन

Description: यह कृति इंग्लैंड में अर्थव्यवस्था के विकास की तुलना में भारत में अर्थव्यवस्था के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। कई अन्य मुद्दों, जैसे कि नहर, रेलवे, श्रम प्रबंधन, किराया, और ऋण की पद्धतियों, के बीच यह भारत की अर्थव्यवस्था पर औद्योगिक क्रांति, अकाल और बेरोज़गारी के प्रभाव का अध्ययन करती है, जिसके परिणामस्वरूप भारत से 'धन का अपवाह' हुआ था।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author मॉरिसन, थिओडोर
dc.date.accessioned 2017-05-05T12:42:17Z
2018-06-07T03:05:13Z
dc.date.available 2017-05-05T12:42:17Z
2018-06-07T03:05:13Z
dc.description यह कृति इंग्लैंड में अर्थव्यवस्था के विकास की तुलना में भारत में अर्थव्यवस्था के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। कई अन्य मुद्दों, जैसे कि नहर, रेलवे, श्रम प्रबंधन, किराया, और ऋण की पद्धतियों, के बीच यह भारत की अर्थव्यवस्था पर औद्योगिक क्रांति, अकाल और बेरोज़गारी के प्रभाव का अध्ययन करती है, जिसके परिणामस्वरूप भारत से 'धन का अपवाह' हुआ था।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 251p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.subject अर्थव्यवस्था, रेलवे, ऋण, भारत, इंग्लैंड, परिवर्तन, धन का अपवाह
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-000793
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author मॉरिसन, थिओडोर
dc.date.accessioned 2017-05-05T12:42:17Z
2018-06-07T03:05:13Z
dc.date.available 2017-05-05T12:42:17Z
2018-06-07T03:05:13Z
dc.description यह कृति इंग्लैंड में अर्थव्यवस्था के विकास की तुलना में भारत में अर्थव्यवस्था के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। कई अन्य मुद्दों, जैसे कि नहर, रेलवे, श्रम प्रबंधन, किराया, और ऋण की पद्धतियों, के बीच यह भारत की अर्थव्यवस्था पर औद्योगिक क्रांति, अकाल और बेरोज़गारी के प्रभाव का अध्ययन करती है, जिसके परिणामस्वरूप भारत से 'धन का अपवाह' हुआ था।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 251p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.subject अर्थव्यवस्था, रेलवे, ऋण, भारत, इंग्लैंड, परिवर्तन, धन का अपवाह
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-000793
dc.format.medium text