इंडिया एंड द इंग्लिश
Author: स्ट्रैटफ़ोर्ड, बार्बरा विंगफ़ील्ड
Keywords: भारतीय सुधार, मनोभाव, राजनीतिक सुधार, शिष्टाचार और रीति-रिवाज
Publisher: जॉनाथन केप, लंदन
Description: लेखक ने पाठक के समक्ष भारतीय राष्ट्र और देश की एक एकीकृत तस्वीर पेश करने का प्रयास किया है। क्योंकि, केवल एक व्यापक और सामान्य दृष्टिकोण से समझने और एक चीज़ को दूसरे के विरुद्ध तौलने से ही, भारत के कष्टमय जीवन की प्रतिकूल प्रवृत्तियों को समझने का प्रयास किया जा सकता है। लेखक का उद्देश्य भारतीय स्वभाव पर विभिन्न सुधारों के प्रभाव को दिखाना है, और वह बिंदु जहाँ पर ये सुधार भारत के मूलभूत आंतरिक जीवन को स्पर्श करते हैं या नहीं करते हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | स्ट्रैटफ़ोर्ड, बार्बरा विंगफ़ील्ड |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-20T05:33:45Z |
| dc.date.available | 2018-07-20T05:33:45Z |
| dc.description | लेखक ने पाठक के समक्ष भारतीय राष्ट्र और देश की एक एकीकृत तस्वीर पेश करने का प्रयास किया है। क्योंकि, केवल एक व्यापक और सामान्य दृष्टिकोण से समझने और एक चीज़ को दूसरे के विरुद्ध तौलने से ही, भारत के कष्टमय जीवन की प्रतिकूल प्रवृत्तियों को समझने का प्रयास किया जा सकता है। लेखक का उद्देश्य भारतीय स्वभाव पर विभिन्न सुधारों के प्रभाव को दिखाना है, और वह बिंदु जहाँ पर ये सुधार भारत के मूलभूत आंतरिक जीवन को स्पर्श करते हैं या नहीं करते हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xi, 223p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
| dc.subject | भारतीय सुधार, मनोभाव, राजनीतिक सुधार, शिष्टाचार और रीति-रिवाज |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1922 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002429 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | स्ट्रैटफ़ोर्ड, बार्बरा विंगफ़ील्ड |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-20T05:33:45Z |
| dc.date.available | 2018-07-20T05:33:45Z |
| dc.description | लेखक ने पाठक के समक्ष भारतीय राष्ट्र और देश की एक एकीकृत तस्वीर पेश करने का प्रयास किया है। क्योंकि, केवल एक व्यापक और सामान्य दृष्टिकोण से समझने और एक चीज़ को दूसरे के विरुद्ध तौलने से ही, भारत के कष्टमय जीवन की प्रतिकूल प्रवृत्तियों को समझने का प्रयास किया जा सकता है। लेखक का उद्देश्य भारतीय स्वभाव पर विभिन्न सुधारों के प्रभाव को दिखाना है, और वह बिंदु जहाँ पर ये सुधार भारत के मूलभूत आंतरिक जीवन को स्पर्श करते हैं या नहीं करते हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xi, 223p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
| dc.subject | भारतीय सुधार, मनोभाव, राजनीतिक सुधार, शिष्टाचार और रीति-रिवाज |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1922 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002429 |
| dc.format.medium | text |
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