इंग्लिश ट्रांसलेशन ऑफ़ द संस्कृत टेक्स्ट ऑफ़ मृग पक्षी शास्त्र
Author: जैन, हंसदेव ए
Keywords: जीव विज्ञान, जानवर, पक्षी, संस्कृत पुस्तक
Publisher: वी. कृष्णस्वामी, बेज़वाड़ा
Description: यह पुस्तक 13वीं शताब्दी के जैन लेखक, हंसदेव द्वारा लिखित संस्कृत पुस्तक, मृग पक्षी शास्त्र, का अंग्रेज़ी अनुवाद है। संस्कृत पुस्तक भारत में जीवविज्ञान पर आधारित सबसे प्रारंभिक पुस्तकों में से एक है। एम. सुंदराचार्य द्वारा अनुवादित, पुस्तक के प्रारंभ में तालिकाओं की श्रृंखलाएँ हैं, जो विभिन्न जानवरों और पक्षियों को उनकी विशेषताओं, जीवन काल और प्रकृति के आधार पर वर्गीकृत करती हैं। पुस्तक दो भागों में विभाजित है, जिसमें पहला भाग जानवरों के विवरण और दूसरा भाग पक्षियों के विवरण प्रस्तुत करता है। पुस्तक विभिन्न जानवरों और पक्षियों तथा उनके संबंधित विभिन्न समूहों, उनकी प्रकृति और अन्य भौतिक विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण प्रदान करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जैन, हंसदेव ए |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T11:25:59Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T11:25:59Z |
| dc.description | यह पुस्तक 13वीं शताब्दी के जैन लेखक, हंसदेव द्वारा लिखित संस्कृत पुस्तक, मृग पक्षी शास्त्र, का अंग्रेज़ी अनुवाद है। संस्कृत पुस्तक भारत में जीवविज्ञान पर आधारित सबसे प्रारंभिक पुस्तकों में से एक है। एम. सुंदराचार्य द्वारा अनुवादित, पुस्तक के प्रारंभ में तालिकाओं की श्रृंखलाएँ हैं, जो विभिन्न जानवरों और पक्षियों को उनकी विशेषताओं, जीवन काल और प्रकृति के आधार पर वर्गीकृत करती हैं। पुस्तक दो भागों में विभाजित है, जिसमें पहला भाग जानवरों के विवरण और दूसरा भाग पक्षियों के विवरण प्रस्तुत करता है। पुस्तक विभिन्न जानवरों और पक्षियों तथा उनके संबंधित विभिन्न समूहों, उनकी प्रकृति और अन्य भौतिक विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण प्रदान करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 134 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | वी. कृष्णस्वामी, बेज़वाड़ा |
| dc.subject | जीव विज्ञान, जानवर, पक्षी, संस्कृत पुस्तक |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1927 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001765 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जैन, हंसदेव ए |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T11:25:59Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T11:25:59Z |
| dc.description | यह पुस्तक 13वीं शताब्दी के जैन लेखक, हंसदेव द्वारा लिखित संस्कृत पुस्तक, मृग पक्षी शास्त्र, का अंग्रेज़ी अनुवाद है। संस्कृत पुस्तक भारत में जीवविज्ञान पर आधारित सबसे प्रारंभिक पुस्तकों में से एक है। एम. सुंदराचार्य द्वारा अनुवादित, पुस्तक के प्रारंभ में तालिकाओं की श्रृंखलाएँ हैं, जो विभिन्न जानवरों और पक्षियों को उनकी विशेषताओं, जीवन काल और प्रकृति के आधार पर वर्गीकृत करती हैं। पुस्तक दो भागों में विभाजित है, जिसमें पहला भाग जानवरों के विवरण और दूसरा भाग पक्षियों के विवरण प्रस्तुत करता है। पुस्तक विभिन्न जानवरों और पक्षियों तथा उनके संबंधित विभिन्न समूहों, उनकी प्रकृति और अन्य भौतिक विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण प्रदान करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 134 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | वी. कृष्णस्वामी, बेज़वाड़ा |
| dc.subject | जीव विज्ञान, जानवर, पक्षी, संस्कृत पुस्तक |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1927 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001765 |
| dc.format.medium | text |
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