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अ कल्चरल एंड लिटरेरी स्टडी ऑफ़ द नीलमत

Author: घई, वेद कुमारी

Keywords: पुराण, कश्मीर, नीलमत, कश्मीरी, सांस्कृतिक इतिहास, वैदिक इतिहास, राजतरंगिणी

Publisher: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस

Description: यह कार्य नीलमत, जिसे कश्मीर के प्राचीन इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, का सांस्कृतिक और साहित्यिक अध्य्यन प्रदान करता है। यह कश्मीर के पवित्र स्थानों और राजतरंगिणी को समझने में मदद करने वाली किंवदंतियों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। कश्मीरी जीवन पद्धति पर जानकारी सहित, इसे कश्मीर के सांस्कृतिक इतिहास के रूप में भी समझा जा सकता है। पुस्तक का पहला भाग नीलमत के सांस्कृतिक अध्ययन के लिए और दूसरा भाग इसके साहित्यिक अध्ययन के लिए समर्पित है। तीसरा भाग नीलमत की मूल विषय वस्तु का अनुवाद प्रदान करता है।

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author घई, वेद कुमारी
dc.date.accessioned 2019-02-22T13:02:52Z
dc.date.available 2019-02-22T13:02:52Z
dc.description यह कार्य नीलमत, जिसे कश्मीर के प्राचीन इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, का सांस्कृतिक और साहित्यिक अध्य्यन प्रदान करता है। यह कश्मीर के पवित्र स्थानों और राजतरंगिणी को समझने में मदद करने वाली किंवदंतियों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। कश्मीरी जीवन पद्धति पर जानकारी सहित, इसे कश्मीर के सांस्कृतिक इतिहास के रूप में भी समझा जा सकता है। पुस्तक का पहला भाग नीलमत के सांस्कृतिक अध्ययन के लिए और दूसरा भाग इसके साहित्यिक अध्ययन के लिए समर्पित है। तीसरा भाग नीलमत की मूल विषय वस्तु का अनुवाद प्रदान करता है।
dc.format.extent xv, 472 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस
dc.subject पुराण, कश्मीर, नीलमत, कश्मीरी, सांस्कृतिक इतिहास, वैदिक इतिहास, राजतरंगिणी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1959
dc.identifier.accessionnumber AS-019308
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author घई, वेद कुमारी
dc.date.accessioned 2019-02-22T13:02:52Z
dc.date.available 2019-02-22T13:02:52Z
dc.description यह कार्य नीलमत, जिसे कश्मीर के प्राचीन इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, का सांस्कृतिक और साहित्यिक अध्य्यन प्रदान करता है। यह कश्मीर के पवित्र स्थानों और राजतरंगिणी को समझने में मदद करने वाली किंवदंतियों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। कश्मीरी जीवन पद्धति पर जानकारी सहित, इसे कश्मीर के सांस्कृतिक इतिहास के रूप में भी समझा जा सकता है। पुस्तक का पहला भाग नीलमत के सांस्कृतिक अध्ययन के लिए और दूसरा भाग इसके साहित्यिक अध्ययन के लिए समर्पित है। तीसरा भाग नीलमत की मूल विषय वस्तु का अनुवाद प्रदान करता है।
dc.format.extent xv, 472 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस
dc.subject पुराण, कश्मीर, नीलमत, कश्मीरी, सांस्कृतिक इतिहास, वैदिक इतिहास, राजतरंगिणी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1959
dc.identifier.accessionnumber AS-019308
dc.format.medium text