अ कलेक्शन ऑफ़ ट्रीटीज़, एंगेज्मेंट्स एंड सनद्स रिलेटिंग टु इंडिया एंड नेबरिंग कंट्रीज़
Keywords: संधियाँ, आधिकारिक कागज़ात, सनद, प्रमाण पत्र, औपनिवेशिक भारत, संयुक्त प्रांत, आगरा, अवध, आउध, मध्य भारत, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांत, पूर्व-स्वतंत्रता काल, गठबंधन, फ़रमान, कबूलियत
Publisher: अधीक्षक सरकारी मुद्रण, कलकत्ता
Description: इस संग्रह में संयुक्त प्रांत आगरा व अवध, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांतों और भारत सरकार के मध्य 1800 से 1929 के बीच हस्ताक्षरित आधिकारिक कागज़ात शामिल हैं। वे आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, राज्य-क्षेत्रों के हस्तांतरण, गाँवों के आदान-प्रदान, सती प्रथा की रोकथाम, शुल्क का भुगतान, सैन्य प्रावधानों और विवादों के निपटारों का उल्लेख करते हैं। इसमें क्षेत्राधिकार, परिग्रहण, दत्तक-ग्रहण, जमींदारी अधिकारों, उपाधियों के प्रदान, सेना के नियमों और मित्रता की संधियों, वाणिज्य, आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, दीवानी अधिकारों के फ़रमान, पद को परिभाषित करती सनदें, प्रांतों की शक्ति और स्थिति, तथा राजनिष्ठा की कबूलियतें भी हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor | Foreign and Political Department |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T16:56:35Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T16:56:35Z |
| dc.description | इस संग्रह में संयुक्त प्रांत आगरा व अवध, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांतों और भारत सरकार के मध्य 1800 से 1929 के बीच हस्ताक्षरित आधिकारिक कागज़ात शामिल हैं। वे आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, राज्य-क्षेत्रों के हस्तांतरण, गाँवों के आदान-प्रदान, सती प्रथा की रोकथाम, शुल्क का भुगतान, सैन्य प्रावधानों और विवादों के निपटारों का उल्लेख करते हैं। इसमें क्षेत्राधिकार, परिग्रहण, दत्तक-ग्रहण, जमींदारी अधिकारों, उपाधियों के प्रदान, सेना के नियमों और मित्रता की संधियों, वाणिज्य, आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, दीवानी अधिकारों के फ़रमान, पद को परिभाषित करती सनदें, प्रांतों की शक्ति और स्थिति, तथा राजनिष्ठा की कबूलियतें भी हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v. |
| dc.format.mimetype | Application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | अधीक्षक सरकारी मुद्रण, कलकत्ता |
| dc.subject | संधियाँ, आधिकारिक कागज़ात, सनद, प्रमाण पत्र, औपनिवेशिक भारत, संयुक्त प्रांत, आगरा, अवध, आउध, मध्य भारत, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांत, पूर्व-स्वतंत्रता काल, गठबंधन, फ़रमान, कबूलियत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1930 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002921 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor | Foreign and Political Department |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T16:56:35Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T16:56:35Z |
| dc.description | इस संग्रह में संयुक्त प्रांत आगरा व अवध, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांतों और भारत सरकार के मध्य 1800 से 1929 के बीच हस्ताक्षरित आधिकारिक कागज़ात शामिल हैं। वे आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, राज्य-क्षेत्रों के हस्तांतरण, गाँवों के आदान-प्रदान, सती प्रथा की रोकथाम, शुल्क का भुगतान, सैन्य प्रावधानों और विवादों के निपटारों का उल्लेख करते हैं। इसमें क्षेत्राधिकार, परिग्रहण, दत्तक-ग्रहण, जमींदारी अधिकारों, उपाधियों के प्रदान, सेना के नियमों और मित्रता की संधियों, वाणिज्य, आक्रामक और रक्षात्मक गठबंधनों, दीवानी अधिकारों के फ़रमान, पद को परिभाषित करती सनदें, प्रांतों की शक्ति और स्थिति, तथा राजनिष्ठा की कबूलियतें भी हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v. |
| dc.format.mimetype | Application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | अधीक्षक सरकारी मुद्रण, कलकत्ता |
| dc.subject | संधियाँ, आधिकारिक कागज़ात, सनद, प्रमाण पत्र, औपनिवेशिक भारत, संयुक्त प्रांत, आगरा, अवध, आउध, मध्य भारत, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रांत, पूर्व-स्वतंत्रता काल, गठबंधन, फ़रमान, कबूलियत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1930 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002921 |
| dc.format.medium | text |
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