कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ सर आर.जी. भंडारकर वॉल-3.
Author: नारायण बापूजी उत्गीकर
Editor: Narayana Bapuji Utgikar
Keywords: समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, आरंभिक दक्कनी इतिहास
Publisher: भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना
Description: पुस्तक श्रृंखला का तीसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक, सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में दक्कन के आरंभिक इतिहास पर उनकी रिपोर्टें और उनके अन्य ऐतिहासिक और शिलालेखीय निबंध शामिल हैं। स्थानों और भौगोलिक नामों के विभिन्न सूचकांक, विद्वानों के नाम, प्राचीन लेखक, संस्कृत शब्द, ऐतिहासिक और विषयों के सूचकांक, आदि, पुस्तक के अंत में दिए गए हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | नारायण बापूजी उत्गीकर |
| dc.contributor.editor | Narayana Bapuji Utgikar |
| dc.date.accessioned | 2019-03-01T17:29:38Z |
| dc.date.available | 2019-03-01T17:29:38Z |
| dc.description | पुस्तक श्रृंखला का तीसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक, सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में दक्कन के आरंभिक इतिहास पर उनकी रिपोर्टें और उनके अन्य ऐतिहासिक और शिलालेखीय निबंध शामिल हैं। स्थानों और भौगोलिक नामों के विभिन्न सूचकांक, विद्वानों के नाम, प्राचीन लेखक, संस्कृत शब्द, ऐतिहासिक और विषयों के सूचकांक, आदि, पुस्तक के अंत में दिए गए हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 518 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी, संस्कृत |
| dc.publisher | भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना |
| dc.subject | समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, आरंभिक दक्कनी इतिहास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.identifier.other | B Bha-C |
| dc.date.copyright | 1927 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003407AS-003408 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | नारायण बापूजी उत्गीकर |
| dc.contributor.editor | Narayana Bapuji Utgikar |
| dc.date.accessioned | 2019-03-01T17:29:38Z |
| dc.date.available | 2019-03-01T17:29:38Z |
| dc.description | पुस्तक श्रृंखला का तीसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक, सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में दक्कन के आरंभिक इतिहास पर उनकी रिपोर्टें और उनके अन्य ऐतिहासिक और शिलालेखीय निबंध शामिल हैं। स्थानों और भौगोलिक नामों के विभिन्न सूचकांक, विद्वानों के नाम, प्राचीन लेखक, संस्कृत शब्द, ऐतिहासिक और विषयों के सूचकांक, आदि, पुस्तक के अंत में दिए गए हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 518 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी, संस्कृत |
| dc.publisher | भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना |
| dc.subject | समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, आरंभिक दक्कनी इतिहास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1927 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-003407AS-003408 |
| dc.identifier.other | B Bha-C |
| dc.format.medium | text |
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