कंडीशन ऑफ़ कैटल इन इंडिया बीइंग एन इंक्वायरी इंटू द कॉज़ेज़ ऑफ़ द प्रेज़ेंट डिटीरिओरेशन ऑफ़ कैटल विथ सजेशंस फ़ॉर देअर रेमिडी
Author: चटर्जी, नीलानंद
Keywords: भारत - गाय सम्मेलन
गाय - विकास - भारत
मवेशी भारत
Publisher: अखिल भारतीय गाय सम्मेलन संघ, कलकत्ता
Description: नीलानंद चटर्जी द्वारा यह पुस्तक, भारतीय मवेशियों, विशेष रूप से गायों जो हिंदुओं के लिए पवित्र मानी जाती हैं, की स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देशय से लिखी गई है। पुस्तक को 11 भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रथम में भारत के मवेशियों का सर्वेक्षण सम्मिलित है, और अंतिम मवेशियों के अस्वस्थ होने के कारणों और इसके लिए उपचार से संबंधित है। शेष भाग मवेशियों की, जिला दर जिला और उप-मंडल दर उप-मंडल, स्थिति से संबंधित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | चटर्जी, नीलानंद |
| dc.date.accessioned | 2019-02-26T15:21:43Z |
| dc.date.available | 2019-02-26T15:21:43Z |
| dc.description | नीलानंद चटर्जी द्वारा यह पुस्तक, भारतीय मवेशियों, विशेष रूप से गायों जो हिंदुओं के लिए पवित्र मानी जाती हैं, की स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देशय से लिखी गई है। पुस्तक को 11 भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रथम में भारत के मवेशियों का सर्वेक्षण सम्मिलित है, और अंतिम मवेशियों के अस्वस्थ होने के कारणों और इसके लिए उपचार से संबंधित है। शेष भाग मवेशियों की, जिला दर जिला और उप-मंडल दर उप-मंडल, स्थिति से संबंधित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vii, 647 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | अखिल भारतीय गाय सम्मेलन संघ, कलकत्ता |
| dc.subject | भारत - गाय सम्मेलन गाय - विकास - भारत मवेशी भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1926 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-013017 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | चटर्जी, नीलानंद |
| dc.date.accessioned | 2019-02-26T15:21:43Z |
| dc.date.available | 2019-02-26T15:21:43Z |
| dc.description | नीलानंद चटर्जी द्वारा यह पुस्तक, भारतीय मवेशियों, विशेष रूप से गायों जो हिंदुओं के लिए पवित्र मानी जाती हैं, की स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देशय से लिखी गई है। पुस्तक को 11 भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रथम में भारत के मवेशियों का सर्वेक्षण सम्मिलित है, और अंतिम मवेशियों के अस्वस्थ होने के कारणों और इसके लिए उपचार से संबंधित है। शेष भाग मवेशियों की, जिला दर जिला और उप-मंडल दर उप-मंडल, स्थिति से संबंधित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vii, 647 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | अखिल भारतीय गाय सम्मेलन संघ, कलकत्ता |
| dc.subject | भारत - गाय सम्मेलन गाय - विकास - भारत मवेशी भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1926 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-013017 |
| dc.format.medium | text |
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