कॉलोनियल सर्विस
Author: बर्ट्रम, एंटन
Keywords: औपनिवेशिक सेवा, प्रत्यक्ष शासन, अप्रत्यक्ष शासन, उपनिवेशन
Publisher: यूनिवर्सिटी प्रेस, केंब्रिज
Description: सर एंटन बर्ट्रम की पुस्तक 'द कॉलोनियल सर्विस' 1928 और 1929 के वर्षों के दौरान लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में दिए गए व्याख्यानों की श्रृंखला प्रस्तुत करती है। यह कुछ हद तक लेखक के बहामा, साइप्रस, सीलोन, और फ़िलिस्तीन में हुए व्यक्तिगत अनुभवों पर, और कुछ अंश तक लेखक द्वारा जाँच-पड़ताल करने के बाद पाई गईं अन्य देशों में प्रचलित परिस्थितियों, पर आधारित है। यह पुस्तक सामान्य भौगोलिक समीक्षा; राज्यपाल; औपनिवेशिक सचिव और सरकारी ढाँचे; प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शासन; कानून और न्याय के संगठन; न्यायालय; विधायिका; संरक्षित राज्यों और रक्षित राज्यों और अधिदेशाधीन भू-भागों के बारे में बात करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बर्ट्रम, एंटन |
| dc.coverage.spatial | Great Britain |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:49:03Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:49:03Z |
| dc.description | सर एंटन बर्ट्रम की पुस्तक 'द कॉलोनियल सर्विस' 1928 और 1929 के वर्षों के दौरान लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में दिए गए व्याख्यानों की श्रृंखला प्रस्तुत करती है। यह कुछ हद तक लेखक के बहामा, साइप्रस, सीलोन, और फ़िलिस्तीन में हुए व्यक्तिगत अनुभवों पर, और कुछ अंश तक लेखक द्वारा जाँच-पड़ताल करने के बाद पाई गईं अन्य देशों में प्रचलित परिस्थितियों, पर आधारित है। यह पुस्तक सामान्य भौगोलिक समीक्षा; राज्यपाल; औपनिवेशिक सचिव और सरकारी ढाँचे; प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शासन; कानून और न्याय के संगठन; न्यायालय; विधायिका; संरक्षित राज्यों और रक्षित राज्यों और अधिदेशाधीन भू-भागों के बारे में बात करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 291 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | यूनिवर्सिटी प्रेस, केंब्रिज |
| dc.subject | औपनिवेशिक सेवा, प्रत्यक्ष शासन, अप्रत्यक्ष शासन, उपनिवेशन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1930 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-034256 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बर्ट्रम, एंटन |
| dc.coverage.spatial | Great Britain |
| dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:49:03Z |
| dc.date.available | 2018-07-27T09:49:03Z |
| dc.description | सर एंटन बर्ट्रम की पुस्तक 'द कॉलोनियल सर्विस' 1928 और 1929 के वर्षों के दौरान लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में दिए गए व्याख्यानों की श्रृंखला प्रस्तुत करती है। यह कुछ हद तक लेखक के बहामा, साइप्रस, सीलोन, और फ़िलिस्तीन में हुए व्यक्तिगत अनुभवों पर, और कुछ अंश तक लेखक द्वारा जाँच-पड़ताल करने के बाद पाई गईं अन्य देशों में प्रचलित परिस्थितियों, पर आधारित है। यह पुस्तक सामान्य भौगोलिक समीक्षा; राज्यपाल; औपनिवेशिक सचिव और सरकारी ढाँचे; प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शासन; कानून और न्याय के संगठन; न्यायालय; विधायिका; संरक्षित राज्यों और रक्षित राज्यों और अधिदेशाधीन भू-भागों के बारे में बात करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xii, 291 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | यूनिवर्सिटी प्रेस, केंब्रिज |
| dc.subject | औपनिवेशिक सेवा, प्रत्यक्ष शासन, अप्रत्यक्ष शासन, उपनिवेशन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1930 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-034256 |
| dc.format.medium | text |
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