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कॉस्मिक कॉन्शसनेस ऑर द वेदांतिक आइडिया ऑफ़ रियलाइज़ेशन ऑर मुक्ति

Author: ननजुंदा राव, एम.सी

Keywords: वेदांत का विचार, श्री रामकृष्ण परमहंस, लौकिक चेतना, मुक्ति, एम.सी ननजुंदा राव

Publisher: जी.ए. नटेशन एंड को., मद्रास

Description: यह पुस्तक श्री रामकृष्ण परमहंस की 76वीं जयंती पर लेखक द्वारा पढ़े गए एक शोध पत्र पर आधारित है। यह 'आधुनिक मनोविज्ञान’ के प्रकाश में वेदांत के 'मुक्ति' के विचार पर चर्चा करती है। पुस्तक यह दर्शाने का प्रयास करती है कि 'लौकिक चेतना' या मुक्ति’ की प्राप्ति सभी महान धर्मों के शिक्षण का मूल सत्य है। इस प्रकार, लेखक का मानना ​​है कि यह अटल सत्य 'भारत में समग्र राष्ट्रीयता' बनाने के लिए सामान्य मंच प्रदान करेगा। कृति इसी रूप रेखा पर श्री रामकृष्ण के सिद्धांतों की चर्चा करती है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author ननजुंदा राव, एम.सी
dc.date.accessioned 2019-02-27T12:37:51Z
dc.date.available 2019-02-27T12:37:51Z
dc.description यह पुस्तक श्री रामकृष्ण परमहंस की 76वीं जयंती पर लेखक द्वारा पढ़े गए एक शोध पत्र पर आधारित है। यह 'आधुनिक मनोविज्ञान’ के प्रकाश में वेदांत के 'मुक्ति' के विचार पर चर्चा करती है। पुस्तक यह दर्शाने का प्रयास करती है कि 'लौकिक चेतना' या मुक्ति’ की प्राप्ति सभी महान धर्मों के शिक्षण का मूल सत्य है। इस प्रकार, लेखक का मानना ​​है कि यह अटल सत्य 'भारत में समग्र राष्ट्रीयता' बनाने के लिए सामान्य मंच प्रदान करेगा। कृति इसी रूप रेखा पर श्री रामकृष्ण के सिद्धांतों की चर्चा करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent x, 237 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जी.ए. नटेशन एंड को., मद्रास
dc.subject वेदांत का विचार, श्री रामकृष्ण परमहंस, लौकिक चेतना, मुक्ति, एम.सी ननजुंदा राव
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1909
dc.identifier.accessionnumber AS-000172
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author ननजुंदा राव, एम.सी
dc.date.accessioned 2019-02-27T12:37:51Z
dc.date.available 2019-02-27T12:37:51Z
dc.description यह पुस्तक श्री रामकृष्ण परमहंस की 76वीं जयंती पर लेखक द्वारा पढ़े गए एक शोध पत्र पर आधारित है। यह 'आधुनिक मनोविज्ञान’ के प्रकाश में वेदांत के 'मुक्ति' के विचार पर चर्चा करती है। पुस्तक यह दर्शाने का प्रयास करती है कि 'लौकिक चेतना' या मुक्ति’ की प्राप्ति सभी महान धर्मों के शिक्षण का मूल सत्य है। इस प्रकार, लेखक का मानना ​​है कि यह अटल सत्य 'भारत में समग्र राष्ट्रीयता' बनाने के लिए सामान्य मंच प्रदान करेगा। कृति इसी रूप रेखा पर श्री रामकृष्ण के सिद्धांतों की चर्चा करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent x, 237 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जी.ए. नटेशन एंड को., मद्रास
dc.subject वेदांत का विचार, श्री रामकृष्ण परमहंस, लौकिक चेतना, मुक्ति, एम.सी ननजुंदा राव
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1909
dc.identifier.accessionnumber AS-000172
dc.format.medium text