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फ़ैक्ट्स अबाउट इंडिया

Author: टोपा, ईश्वर

Keywords: प्रांतीय अध्ययन, भारत, 1944, भारत के सामाजिक-राजनीतिक पहलू, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र

Publisher: क़िताबिस्तान, इलाहाबाद

Description: 1944 में प्रकाशित, यह पुस्तक भारत की सांप्रदायिक समस्या की जांच करने के साथ-साथ इस पर नई रोशनी डालने का प्रयास करती है। यह पुस्तक भारत का, प्रांत दर प्रांत, व्यापक सामाजिक-राजनीतिक अध्ययन है। यह राष्ट्र-निर्माण के दृष्टिकोण से भारतीय प्रांतों और उनकी समस्याओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करती है। लेखक का तर्क है कि भारत का राजनीतिक प्रतिनिधित्व इस तथ्य को खारिज करता है कि भारत अपने आप में कई सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक समूहों से बनी विभिन्न सांस्कृतिक जातियों से निर्मित हुआ है। इस प्रकार, प्रत्येक अध्याय प्रांतीय राष्ट्र, शहरी और ग्रामीण जनसंख्या, व्यावसायिक वितरण, समुदाय आधारित धर्मों, धर्म एवं भाषा द्वारा साक्षरता से संबंधित है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author टोपा, ईश्वर
dc.date.accessioned 2019-03-12T13:02:42Z
dc.date.available 2019-03-12T13:02:42Z
dc.description 1944 में प्रकाशित, यह पुस्तक भारत की सांप्रदायिक समस्या की जांच करने के साथ-साथ इस पर नई रोशनी डालने का प्रयास करती है। यह पुस्तक भारत का, प्रांत दर प्रांत, व्यापक सामाजिक-राजनीतिक अध्ययन है। यह राष्ट्र-निर्माण के दृष्टिकोण से भारतीय प्रांतों और उनकी समस्याओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करती है। लेखक का तर्क है कि भारत का राजनीतिक प्रतिनिधित्व इस तथ्य को खारिज करता है कि भारत अपने आप में कई सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक समूहों से बनी विभिन्न सांस्कृतिक जातियों से निर्मित हुआ है। इस प्रकार, प्रत्येक अध्याय प्रांतीय राष्ट्र, शहरी और ग्रामीण जनसंख्या, व्यावसायिक वितरण, समुदाय आधारित धर्मों, धर्म एवं भाषा द्वारा साक्षरता से संबंधित है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 430 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher क़िताबिस्तान, इलाहाबाद
dc.subject प्रांतीय अध्ययन, भारत, 1944, भारत के सामाजिक-राजनीतिक पहलू, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1944
dc.identifier.accessionnumber AS-002448
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author टोपा, ईश्वर
dc.date.accessioned 2019-03-12T13:02:42Z
dc.date.available 2019-03-12T13:02:42Z
dc.description 1944 में प्रकाशित, यह पुस्तक भारत की सांप्रदायिक समस्या की जांच करने के साथ-साथ इस पर नई रोशनी डालने का प्रयास करती है। यह पुस्तक भारत का, प्रांत दर प्रांत, व्यापक सामाजिक-राजनीतिक अध्ययन है। यह राष्ट्र-निर्माण के दृष्टिकोण से भारतीय प्रांतों और उनकी समस्याओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करती है। लेखक का तर्क है कि भारत का राजनीतिक प्रतिनिधित्व इस तथ्य को खारिज करता है कि भारत अपने आप में कई सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक समूहों से बनी विभिन्न सांस्कृतिक जातियों से निर्मित हुआ है। इस प्रकार, प्रत्येक अध्याय प्रांतीय राष्ट्र, शहरी और ग्रामीण जनसंख्या, व्यावसायिक वितरण, समुदाय आधारित धर्मों, धर्म एवं भाषा द्वारा साक्षरता से संबंधित है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 430 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher क़िताबिस्तान, इलाहाबाद
dc.subject प्रांतीय अध्ययन, भारत, 1944, भारत के सामाजिक-राजनीतिक पहलू, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1944
dc.identifier.accessionnumber AS-002448
dc.format.medium text