Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.

फ़ॉल ऑफ़ द मुग़ल एंपायर

Author: सरकार, जदुनाथ

Keywords: मुगल इतिहास, भारत में मुगल साम्राज्य, भारतीय शासक, मुगलों का पतन, महादजी सिंधिया, शाह आलम II, विद्रोह, अंग्रेज़ी सत्ता

Publisher: एम.सी. सरकार एंड संस, कलकत्ता

Description: पुस्तक का यह तीसरा खंड, अंग्रेज़ी, फ़ारसी, फ़्रांसीसी, हिंदी, संस्कृत, राजस्थानी और मराठी स्रोतों को संकलित करता है और मुगल साम्राज्य के पतन की कहानी की फिर से रचना करता है। यह 1772 में शाह आलम द्वितीय के उनकी राजधानी में प्रवेश से लेकर उनके शासन के सत्रह वर्षों से होते हुए, 1778 में गुलाम कादिर के हाथों उनकी कैद और यातना तक की दिल्ली राजशाही की कहानी को बयान करता है। इस खंड में एक और मजबूत व्यक्तित्व महादजी सिंधिया हैं, जिन्होंने दिल्ली में शांति और समृद्धि स्थापित की थी।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author सरकार, जदुनाथ
dc.date.accessioned 2019-02-18T15:21:39Z
dc.date.available 2019-02-18T15:21:39Z
dc.description पुस्तक का यह तीसरा खंड, अंग्रेज़ी, फ़ारसी, फ़्रांसीसी, हिंदी, संस्कृत, राजस्थानी और मराठी स्रोतों को संकलित करता है और मुगल साम्राज्य के पतन की कहानी की फिर से रचना करता है। यह 1772 में शाह आलम द्वितीय के उनकी राजधानी में प्रवेश से लेकर उनके शासन के सत्रह वर्षों से होते हुए, 1778 में गुलाम कादिर के हाथों उनकी कैद और यातना तक की दिल्ली राजशाही की कहानी को बयान करता है। इस खंड में एक और मजबूत व्यक्तित्व महादजी सिंधिया हैं, जिन्होंने दिल्ली में शांति और समृद्धि स्थापित की थी।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent v.
dc.format.mimetype Application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एम.सी. सरकार एंड संस, कलकत्ता
dc.subject मुगल इतिहास, भारत में मुगल साम्राज्य, भारतीय शासक, मुगलों का पतन, महादजी सिंधिया, शाह आलम II, विद्रोह, अंग्रेज़ी सत्ता
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1934
dc.identifier.accessionnumber AS-002821
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author सरकार, जदुनाथ
dc.date.accessioned 2019-02-18T15:21:39Z
dc.date.available 2019-02-18T15:21:39Z
dc.description पुस्तक का यह तीसरा खंड, अंग्रेज़ी, फ़ारसी, फ़्रांसीसी, हिंदी, संस्कृत, राजस्थानी और मराठी स्रोतों को संकलित करता है और मुगल साम्राज्य के पतन की कहानी की फिर से रचना करता है। यह 1772 में शाह आलम द्वितीय के उनकी राजधानी में प्रवेश से लेकर उनके शासन के सत्रह वर्षों से होते हुए, 1778 में गुलाम कादिर के हाथों उनकी कैद और यातना तक की दिल्ली राजशाही की कहानी को बयान करता है। इस खंड में एक और मजबूत व्यक्तित्व महादजी सिंधिया हैं, जिन्होंने दिल्ली में शांति और समृद्धि स्थापित की थी।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent v.
dc.format.mimetype Application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एम.सी. सरकार एंड संस, कलकत्ता
dc.subject मुगल इतिहास, भारत में मुगल साम्राज्य, भारतीय शासक, मुगलों का पतन, महादजी सिंधिया, शाह आलम II, विद्रोह, अंग्रेज़ी सत्ता
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1934
dc.identifier.accessionnumber AS-002821
dc.format.medium text