अ शॉर्ट अकाउंट ऑफ़ द लैंड रेवेन्यू एंड इट्स एडमिनिस्ट्रेशन इन ब्रिटिश इंडिया विद अ स्कैच ऑफ़ द लैंड टैन्योर्स
Author: बाडेन-पॉवेल, बी. एच.
Keywords: भू-राजस्व, भू-धारण, राजस्व इतिहास, ब्रिटिश भारत, आर्थिक इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, ब्रिटिश प्रशासन
Publisher: क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड
Description: यह पुस्तक ब्रिटिश भारत के भू-राजस्व प्रशासन के साथ-साथ पट्टेदारी की विस्तृत जानकारी का वर्णन करती है। पुस्तक के लेखक का मानना था कि भारतीय साम्राज्य में भू-राजस्व बहुत महत्वपूर्ण था और इस प्रकार कई लोग, जैसे कि एक न्यायविद और एक अर्थशास्त्री को इस जानकारी से लाभ होगा कि यह क्या है और इसे कैसे लगाया और प्रबंधित किया जाता है। लेखक ने महसूस किया कि कठिनाई एक उपयुक्त रूप में भू-राजस्व पर जानकारी खोजने में थी जो छात्रों को मदद करने के साथ-साथ अधिकारियों को व्यावहारिक जानकारी भी देती। यह पुस्तक इस उद्देश्य पूर्ति का एक प्रयास है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बाडेन-पॉवेल, बी. एच. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-04T07:52:14Z 2018-06-07T03:07:01Z |
| dc.date.available | 2017-05-04T07:52:14Z 2018-06-07T03:07:01Z |
| dc.description | यह पुस्तक ब्रिटिश भारत के भू-राजस्व प्रशासन के साथ-साथ पट्टेदारी की विस्तृत जानकारी का वर्णन करती है। पुस्तक के लेखक का मानना था कि भारतीय साम्राज्य में भू-राजस्व बहुत महत्वपूर्ण था और इस प्रकार कई लोग, जैसे कि एक न्यायविद और एक अर्थशास्त्री को इस जानकारी से लाभ होगा कि यह क्या है और इसे कैसे लगाया और प्रबंधित किया जाता है। लेखक ने महसूस किया कि कठिनाई एक उपयुक्त रूप में भू-राजस्व पर जानकारी खोजने में थी जो छात्रों को मदद करने के साथ-साथ अधिकारियों को व्यावहारिक जानकारी भी देती। यह पुस्तक इस उद्देश्य पूर्ति का एक प्रयास है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 260 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड |
| dc.subject | भू-राजस्व, भू-धारण, राजस्व इतिहास, ब्रिटिश भारत, आर्थिक इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, ब्रिटिश प्रशासन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1894 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000927 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | बाडेन-पॉवेल, बी. एच. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-04T07:52:14Z 2018-06-07T03:07:01Z |
| dc.date.available | 2017-05-04T07:52:14Z 2018-06-07T03:07:01Z |
| dc.description | यह पुस्तक ब्रिटिश भारत के भू-राजस्व प्रशासन के साथ-साथ पट्टेदारी की विस्तृत जानकारी का वर्णन करती है। पुस्तक के लेखक का मानना था कि भारतीय साम्राज्य में भू-राजस्व बहुत महत्वपूर्ण था और इस प्रकार कई लोग, जैसे कि एक न्यायविद और एक अर्थशास्त्री को इस जानकारी से लाभ होगा कि यह क्या है और इसे कैसे लगाया और प्रबंधित किया जाता है। लेखक ने महसूस किया कि कठिनाई एक उपयुक्त रूप में भू-राजस्व पर जानकारी खोजने में थी जो छात्रों को मदद करने के साथ-साथ अधिकारियों को व्यावहारिक जानकारी भी देती। यह पुस्तक इस उद्देश्य पूर्ति का एक प्रयास है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 260 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड |
| dc.subject | भू-राजस्व, भू-धारण, राजस्व इतिहास, ब्रिटिश भारत, आर्थिक इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, ब्रिटिश प्रशासन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1894 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-000927 |
| dc.format.medium | text |
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