अ व्यू ऑफ़ द हिंदू लॉ एज़ एडमिनिस्ट्रेटेड बाय द हाई कोर्ट ऑफ़ ज्युडीकेचर एट मद्रास
Author: नेल्सन, जे.एच.
Keywords: हिंदू कानून, मद्रास उच्च न्यायालय, न्यायपालिका, संस्कृत साहित्य, आपराधिक कानून
Publisher: हिगिनबॉथम, मद्रास
Description: इस पुस्तक के चार अध्यायों में हिंदू कानून, इसके वास्तविक सिद्धांतों, रिवाजों और कानूनों के बीच अंतर के साथ-साथ आंग्ल-संस्कृत विधि-विज्ञान की विचारधारा का वर्णन है। लेखक मद्रास में उच्च न्यायालय की न्यायपालिका द्वारा प्रशासित मामलों में विभिन्न धार्मिक समूहों पर हिंदू कानून के उपयोग पर अपने विचार रखते हैं। 1877 में प्रकाशित, पुस्तक कई मामलों साथ ही मद्रास में उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में कार्यवाहियों का अध्ययन करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | नेल्सन, जे.एच. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-19T09:35:47Z |
| dc.date.available | 2018-07-19T09:35:47Z |
| dc.description | इस पुस्तक के चार अध्यायों में हिंदू कानून, इसके वास्तविक सिद्धांतों, रिवाजों और कानूनों के बीच अंतर के साथ-साथ आंग्ल-संस्कृत विधि-विज्ञान की विचारधारा का वर्णन है। लेखक मद्रास में उच्च न्यायालय की न्यायपालिका द्वारा प्रशासित मामलों में विभिन्न धार्मिक समूहों पर हिंदू कानून के उपयोग पर अपने विचार रखते हैं। 1877 में प्रकाशित, पुस्तक कई मामलों साथ ही मद्रास में उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में कार्यवाहियों का अध्ययन करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | iv, 154p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | हिगिनबॉथम, मद्रास |
| dc.subject | हिंदू कानून, मद्रास उच्च न्यायालय, न्यायपालिका, संस्कृत साहित्य, आपराधिक कानून |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1877 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001177 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | नेल्सन, जे.एच. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-19T09:35:47Z |
| dc.date.available | 2018-07-19T09:35:47Z |
| dc.description | इस पुस्तक के चार अध्यायों में हिंदू कानून, इसके वास्तविक सिद्धांतों, रिवाजों और कानूनों के बीच अंतर के साथ-साथ आंग्ल-संस्कृत विधि-विज्ञान की विचारधारा का वर्णन है। लेखक मद्रास में उच्च न्यायालय की न्यायपालिका द्वारा प्रशासित मामलों में विभिन्न धार्मिक समूहों पर हिंदू कानून के उपयोग पर अपने विचार रखते हैं। 1877 में प्रकाशित, पुस्तक कई मामलों साथ ही मद्रास में उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में कार्यवाहियों का अध्ययन करती है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | iv, 154p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | हिगिनबॉथम, मद्रास |
| dc.subject | हिंदू कानून, मद्रास उच्च न्यायालय, न्यायपालिका, संस्कृत साहित्य, आपराधिक कानून |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1877 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001177 |
| dc.format.medium | text |
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