डिप्लोमैटिस्ट इन द ईस्ट
Author: हार्डिंग, आर्थर एच.
Keywords: यात्रा, इतिहास, भूगोल, ब्रिटिश राजनयिक, ए.एच. हार्डिंग, मिस्र, अफ़्रीका, दास-प्रथा
Publisher: जॉनाथन केप, लंदन
Description: .
Description: यह पुस्तक ब्रिटिश राजनयिक का वृत्तांत है जिन्होंने 1880 में विदेश कार्यालय में सेवाभार ग्रहण किया था। यह कथा कॉन्स्टैनटिनोपल, मिस्र, अफ़्रीका, युगांडा और ज़ांज़ीबार में सर आर्थर हेनरी हार्डिंग के अनुभवों का अनुसरण करती है। यह अफ़्रीका में दास-प्रथा और अरब में विद्रोह के विषय पर भी जानकारी प्रदान करती है। हालांकि इसे ऐतिहासिक रूप से नहीं लिखा गया है, फिर भी यह कहानी इन देशों की सामाजिक-राजनीतिक प्रणालियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हार्डिंग, आर्थर एच. |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:23:36Z |
dc.date.available | 2018-07-27T09:23:36Z |
dc.description | यह पुस्तक ब्रिटिश राजनयिक का वृत्तांत है जिन्होंने 1880 में विदेश कार्यालय में सेवाभार ग्रहण किया था। यह कथा कॉन्स्टैनटिनोपल, मिस्र, अफ़्रीका, युगांडा और ज़ांज़ीबार में सर आर्थर हेनरी हार्डिंग के अनुभवों का अनुसरण करती है। यह अफ़्रीका में दास-प्रथा और अरब में विद्रोह के विषय पर भी जानकारी प्रदान करती है। हालांकि इसे ऐतिहासिक रूप से नहीं लिखा गया है, फिर भी यह कहानी इन देशों की सामाजिक-राजनीतिक प्रणालियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। |
dc.description.abstract | . |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 398 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.subject | यात्रा, इतिहास, भूगोल, ब्रिटिश राजनयिक, ए.एच. हार्डिंग, मिस्र, अफ़्रीका, दास-प्रथा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1928 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-028738 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हार्डिंग, आर्थर एच. |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T09:23:36Z |
dc.date.available | 2018-07-27T09:23:36Z |
dc.description | यह पुस्तक ब्रिटिश राजनयिक का वृत्तांत है जिन्होंने 1880 में विदेश कार्यालय में सेवाभार ग्रहण किया था। यह कथा कॉन्स्टैनटिनोपल, मिस्र, अफ़्रीका, युगांडा और ज़ांज़ीबार में सर आर्थर हेनरी हार्डिंग के अनुभवों का अनुसरण करती है। यह अफ़्रीका में दास-प्रथा और अरब में विद्रोह के विषय पर भी जानकारी प्रदान करती है। हालांकि इसे ऐतिहासिक रूप से नहीं लिखा गया है, फिर भी यह कहानी इन देशों की सामाजिक-राजनीतिक प्रणालियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। |
dc.description.abstract | . |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 398 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.subject | यात्रा, इतिहास, भूगोल, ब्रिटिश राजनयिक, ए.एच. हार्डिंग, मिस्र, अफ़्रीका, दास-प्रथा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1928 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-028738 |
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