आफ़्टर मदर इंडिया
Author: फ़ील्ड, हार्वे एच.
Keywords: मदर इंडिया, विवाद, उत्तर, हार्वे एच. फ़ील्ड, भारतीय रीति-रिवाज़, समीक्षा
Issue Date: 1929
Publisher: जॉनाथन केप, लंदन
Description: यह पुस्तक अठारह अध्यायों और एक लंबे परिशिष्ट खंड में विभाजित है। इस परिशिष्ट खंड को आगे छह उप-खंडों में विभाजित किया गया है। इसे मई 1927 में प्रकाशित पुस्तक 'मदर इंडिया' द्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाओं के उत्तर के रूप में लिखा गया है। इसका पहला अध्याय उस पुस्तक के प्रभाव और उसके बाद बने विवादों पर चर्चा करता है। यह पाठ पिछली पुस्तक द्वारा प्राप्त कुछ आलोचनाओं का सामना करने का प्रयास करता है। लेखक भारतीय स्रोतों में, उसके तर्कों का समर्थन करने वाले साक्ष्य प्रस्तुत करके ऐसा करने की कोशिश करता है।
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़ील्ड, हार्वे एच. |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T09:12:12Z 2018-05-31T01:16:26Z |
dc.date.available | 2006-11-15T09:12:12Z 2018-05-31T01:16:26Z |
dc.description | यह पुस्तक अठारह अध्यायों और एक लंबे परिशिष्ट खंड में विभाजित है। इस परिशिष्ट खंड को आगे छह उप-खंडों में विभाजित किया गया है। इसे मई 1927 में प्रकाशित पुस्तक 'मदर इंडिया' द्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाओं के उत्तर के रूप में लिखा गया है। इसका पहला अध्याय उस पुस्तक के प्रभाव और उसके बाद बने विवादों पर चर्चा करता है। यह पाठ पिछली पुस्तक द्वारा प्राप्त कुछ आलोचनाओं का सामना करने का प्रयास करता है। लेखक भारतीय स्रोतों में, उसके तर्कों का समर्थन करने वाले साक्ष्य प्रस्तुत करके ऐसा करने की कोशिश करता है। |
dc.date.issued | 1929 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 9459066 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.relation.ispartofseries | 309.154 FIE-A |
dc.subject | मदर इंडिया, विवाद, उत्तर, हार्वे एच. फ़ील्ड, भारतीय रीति-रिवाज़, समीक्षा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़ील्ड, हार्वे एच. |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T09:12:12Z 2018-05-31T01:16:26Z |
dc.date.available | 2006-11-15T09:12:12Z 2018-05-31T01:16:26Z |
dc.description | यह पुस्तक अठारह अध्यायों और एक लंबे परिशिष्ट खंड में विभाजित है। इस परिशिष्ट खंड को आगे छह उप-खंडों में विभाजित किया गया है। इसे मई 1927 में प्रकाशित पुस्तक 'मदर इंडिया' द्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाओं के उत्तर के रूप में लिखा गया है। इसका पहला अध्याय उस पुस्तक के प्रभाव और उसके बाद बने विवादों पर चर्चा करता है। यह पाठ पिछली पुस्तक द्वारा प्राप्त कुछ आलोचनाओं का सामना करने का प्रयास करता है। लेखक भारतीय स्रोतों में, उसके तर्कों का समर्थन करने वाले साक्ष्य प्रस्तुत करके ऐसा करने की कोशिश करता है। |
dc.date.issued | 1929 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 9459066 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.relation.ispartofseries | 309.154 FIE-A |
dc.subject | मदर इंडिया, विवाद, उत्तर, हार्वे एच. फ़ील्ड, भारतीय रीति-रिवाज़, समीक्षा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |