एडवेंचर्स ऑफ़ एन ऑफ़िसर इन द पंजाब वॉल्यूम 2
Author: लॉरेंस, एच.एम.एल.
Keywords: पंजाब, बेल्लासिस, एक अधिकारी के साहसिक कार्य, रणजीत सिंह, अंग्रेज़, रेजिमेंट, एच.एम.एल. लॉरेंस
Publisher: हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन
Description: यह एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित दो खंडों में से दूसरा खंड है और इसमें अध्याय XI-XX सम्मिलित हैं। यह पंजाब में रणजीत सिंह के साम्राज्य में सैनिक बेल्लासिस का विवरण है। कहानी अगस्त 1831 से शुरू होती है और उपन्यास की शैली में लिखी गई है। यह अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है। निष्कर्ष, कार्य और घटनाओं का सार प्रस्तुत करता है जो उस अवधि के बाद सामने आया जिसमें वर्णन समाप्त हुआ।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T11:56:24Z |
dc.date.available | 2018-07-27T11:56:24Z |
dc.description | यह एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित दो खंडों में से दूसरा खंड है और इसमें अध्याय XI-XX सम्मिलित हैं। यह पंजाब में रणजीत सिंह के साम्राज्य में सैनिक बेल्लासिस का विवरण है। कहानी अगस्त 1831 से शुरू होती है और उपन्यास की शैली में लिखी गई है। यह अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है। निष्कर्ष, कार्य और घटनाओं का सार प्रस्तुत करता है जो उस अवधि के बाद सामने आया जिसमें वर्णन समाप्त हुआ। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 262 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन |
dc.subject | पंजाब, बेल्लासिस, एक अधिकारी के साहसिक कार्य, रणजीत सिंह, अंग्रेज़, रेजिमेंट, एच.एम.एल. लॉरेंस |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1846 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004202 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T11:56:24Z |
dc.date.available | 2018-07-27T11:56:24Z |
dc.description | यह एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित दो खंडों में से दूसरा खंड है और इसमें अध्याय XI-XX सम्मिलित हैं। यह पंजाब में रणजीत सिंह के साम्राज्य में सैनिक बेल्लासिस का विवरण है। कहानी अगस्त 1831 से शुरू होती है और उपन्यास की शैली में लिखी गई है। यह अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है। निष्कर्ष, कार्य और घटनाओं का सार प्रस्तुत करता है जो उस अवधि के बाद सामने आया जिसमें वर्णन समाप्त हुआ। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 262 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन |
dc.subject | पंजाब, बेल्लासिस, एक अधिकारी के साहसिक कार्य, रणजीत सिंह, अंग्रेज़, रेजिमेंट, एच.एम.एल. लॉरेंस |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1846 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004202 |
dc.format.medium | text |