एडवेंचर्स ऑफ़ एन ऑफ़िसर इन द पंजाब, वॉल्यूम II
Author: लॉरेंस, एच.एम.एल.
Keywords: बेल्लासिस, रणजीत सिंह, पंजाब, साम्राज्य, लाहौर, अंग्रेज़, एच.एम.एल. लॉरेंस
Publisher: हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन
Description: एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित, यह बेल्लासिस की कहानी है, जिन्हें मई 1830 में महाराजा रणजीत सिंह की सेवा में एक कर्नल के रूप में नियुक्त किया गया था। यह एक दिलचस्प पुस्तक है, जिसे उपन्यास की शैली में लिखा गया है। कार्य दो खंडों में विभाजित है और यह पहला खंड है। इसमें दस अध्याय सम्मिलित हैं और यह 1831 में समाप्त होता है। दूसरा खंड वहाँ से कथावस्तु पुनः शुरु करता है। कार्य बेल्लासिस के साहसिक कार्यों के माध्यम से अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: लॉरेंस, एच.एम.एल.
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.accessioned | 2018-07-25T05:23:06Z |
dc.date.available | 2018-07-25T05:23:06Z |
dc.description | एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित, यह बेल्लासिस की कहानी है, जिन्हें मई 1830 में महाराजा रणजीत सिंह की सेवा में एक कर्नल के रूप में नियुक्त किया गया था। यह एक दिलचस्प पुस्तक है, जिसे उपन्यास की शैली में लिखा गया है। कार्य दो खंडों में विभाजित है और यह पहला खंड है। इसमें दस अध्याय सम्मिलित हैं और यह 1831 में समाप्त होता है। दूसरा खंड वहाँ से कथावस्तु पुनः शुरु करता है। कार्य बेल्लासिस के साहसिक कार्यों के माध्यम से अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 262 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन |
dc.subject | बेल्लासिस, रणजीत सिंह, पंजाब, साम्राज्य, लाहौर, अंग्रेज़, एच.एम.एल. लॉरेंस |
dc.type | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.copyright | 1858 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004201 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.accessioned | 2018-07-25T05:23:06Z |
dc.date.available | 2018-07-25T05:23:06Z |
dc.description | एच.एम.एल. लॉरेंस द्वारा लिखित, यह बेल्लासिस की कहानी है, जिन्हें मई 1830 में महाराजा रणजीत सिंह की सेवा में एक कर्नल के रूप में नियुक्त किया गया था। यह एक दिलचस्प पुस्तक है, जिसे उपन्यास की शैली में लिखा गया है। कार्य दो खंडों में विभाजित है और यह पहला खंड है। इसमें दस अध्याय सम्मिलित हैं और यह 1831 में समाप्त होता है। दूसरा खंड वहाँ से कथावस्तु पुनः शुरु करता है। कार्य बेल्लासिस के साहसिक कार्यों के माध्यम से अंग्रेज़ों और सिख साम्राज्य के बीच संबंधों को दर्शाता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 262 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हेनरी कोलबर्न पब्लिशर्स, लंदन |
dc.subject | बेल्लासिस, रणजीत सिंह, पंजाब, साम्राज्य, लाहौर, अंग्रेज़, एच.एम.एल. लॉरेंस |
dc.type | लॉरेंस, एच.एम.एल. |
dc.date.copyright | 1858 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004201 |
dc.format.medium | text |