गाइड टू द ऑर्थोग्राफ़ी ऑफ़ इंडियन प्रॉपर नेम्स, विद अ लिस्ट शोइंग द ट्रू स्पेलिंग ऑफ़ ऑल पोस्ट टाउन्स एंड विलेजेज़ इन इंडिया
Author: हंटर, डब्ल्यू. डब्ल्यू.
Keywords: राजनीति, सरकार, भूगोल, विवरण, यात्रा
Publisher: कार्यालय अधीक्षक सरकारी मुद्रणालय, कलकत्ता
Description: डब्ल्यू. डब्ल्यू. हंटर द्वारा लिखित यह पुस्तक वर्तनी और भाषा की एकसमान अपरिवर्तनशील प्रणाली को सूचीबद्ध करती है। इसमें भारतीय व्यक्तिवाचक नामों के वर्ण-विन्यास एवं शुद्ध-लेखन के बारे में विस्तृत खंड और लिप्यंतरण के लिए एक प्रयोगात्मक गाइड भी हैं। इस पुस्तक का एक अन्य खंड भारतीय डाक कस्बों और गाँवों की सूची के बारे में जानकारी देता है। लेखक कहता है कि 28 फरवरी 1870 को, भारत सरकार ने राजपत्रों और मानचित्रों के लिए वर्तनी की एकसमान एवं अपरिवर्तनशील प्रणाली को अपनाया था। इसलिए इसने भारतीय भौगोलिक नामों के असली वर्ण-विन्यासों का पता लगाया।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हंटर, डब्ल्यू. डब्ल्यू. |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T13:46:20Z |
dc.date.available | 2019-02-25T13:46:20Z |
dc.description | डब्ल्यू. डब्ल्यू. हंटर द्वारा लिखित यह पुस्तक वर्तनी और भाषा की एकसमान अपरिवर्तनशील प्रणाली को सूचीबद्ध करती है। इसमें भारतीय व्यक्तिवाचक नामों के वर्ण-विन्यास एवं शुद्ध-लेखन के बारे में विस्तृत खंड और लिप्यंतरण के लिए एक प्रयोगात्मक गाइड भी हैं। इस पुस्तक का एक अन्य खंड भारतीय डाक कस्बों और गाँवों की सूची के बारे में जानकारी देता है। लेखक कहता है कि 28 फरवरी 1870 को, भारत सरकार ने राजपत्रों और मानचित्रों के लिए वर्तनी की एकसमान एवं अपरिवर्तनशील प्रणाली को अपनाया था। इसलिए इसने भारतीय भौगोलिक नामों के असली वर्ण-विन्यासों का पता लगाया। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xiii, 146 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | कार्यालय अधीक्षक सरकारी मुद्रणालय, कलकत्ता |
dc.subject | राजनीति, सरकार, भूगोल, विवरण, यात्रा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1871 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002353 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हंटर, डब्ल्यू. डब्ल्यू. |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T13:46:20Z |
dc.date.available | 2019-02-25T13:46:20Z |
dc.description | डब्ल्यू. डब्ल्यू. हंटर द्वारा लिखित यह पुस्तक वर्तनी और भाषा की एकसमान अपरिवर्तनशील प्रणाली को सूचीबद्ध करती है। इसमें भारतीय व्यक्तिवाचक नामों के वर्ण-विन्यास एवं शुद्ध-लेखन के बारे में विस्तृत खंड और लिप्यंतरण के लिए एक प्रयोगात्मक गाइड भी हैं। इस पुस्तक का एक अन्य खंड भारतीय डाक कस्बों और गाँवों की सूची के बारे में जानकारी देता है। लेखक कहता है कि 28 फरवरी 1870 को, भारत सरकार ने राजपत्रों और मानचित्रों के लिए वर्तनी की एकसमान एवं अपरिवर्तनशील प्रणाली को अपनाया था। इसलिए इसने भारतीय भौगोलिक नामों के असली वर्ण-विन्यासों का पता लगाया। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xiii, 146 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | कार्यालय अधीक्षक सरकारी मुद्रणालय, कलकत्ता |
dc.subject | राजनीति, सरकार, भूगोल, विवरण, यात्रा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1871 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002353 |
dc.format.medium | text |