हिस्टॉरिकल व्यू ऑफ़ प्लांस फ़ॉर द गवर्नमेंट ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया
Keywords: घरेलू प्रशासन, वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था, व्यापार विनियमन, ईस्ट इंडीज, विदेशी सरकार, ब्रिटिश भारत
Publisher: [एस.एन.], लंदन
Description: इस पुस्तक को ग्रेट ब्रिटेन के अधीन एशियाई क्षेत्रों की सरकार तथा ईस्ट-इंडीज में व्यापार के विनियमन के लिए, उन राजनीतिक और वाणिज्यिक सिद्धांतों के साथ संकलित किया गया था, जिन्हें भावी भारतीय प्रशासन की योजना बनाने में ध्यान में रखा जाना आवश्यक लगता था। यह भारतीय मामलों के लिए आयुक्त मंडल की स्थापना के पूर्व, ईस्ट-इंडीज के व्यापार के विनियमन को भी परिभाषित करती है। इस पुस्तक का उत्तरार्द्ध ईस्ट-इंडीज के व्यापार से उत्पन्न वाणिज्यिक और राजनीतिक सिद्धांतों को सूचीबद्ध करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-03-01T15:24:59Z |
dc.date.available | 2019-03-01T15:24:59Z |
dc.description | इस पुस्तक को ग्रेट ब्रिटेन के अधीन एशियाई क्षेत्रों की सरकार तथा ईस्ट-इंडीज में व्यापार के विनियमन के लिए, उन राजनीतिक और वाणिज्यिक सिद्धांतों के साथ संकलित किया गया था, जिन्हें भावी भारतीय प्रशासन की योजना बनाने में ध्यान में रखा जाना आवश्यक लगता था। यह भारतीय मामलों के लिए आयुक्त मंडल की स्थापना के पूर्व, ईस्ट-इंडीज के व्यापार के विनियमन को भी परिभाषित करती है। इस पुस्तक का उत्तरार्द्ध ईस्ट-इंडीज के व्यापार से उत्पन्न वाणिज्यिक और राजनीतिक सिद्धांतों को सूचीबद्ध करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xii, 632 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | [एस.एन.], लंदन |
dc.subject | घरेलू प्रशासन, वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था, व्यापार विनियमन, ईस्ट इंडीज, विदेशी सरकार, ब्रिटिश भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1793 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001235 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-03-01T15:24:59Z |
dc.date.available | 2019-03-01T15:24:59Z |
dc.description | इस पुस्तक को ग्रेट ब्रिटेन के अधीन एशियाई क्षेत्रों की सरकार तथा ईस्ट-इंडीज में व्यापार के विनियमन के लिए, उन राजनीतिक और वाणिज्यिक सिद्धांतों के साथ संकलित किया गया था, जिन्हें भावी भारतीय प्रशासन की योजना बनाने में ध्यान में रखा जाना आवश्यक लगता था। यह भारतीय मामलों के लिए आयुक्त मंडल की स्थापना के पूर्व, ईस्ट-इंडीज के व्यापार के विनियमन को भी परिभाषित करती है। इस पुस्तक का उत्तरार्द्ध ईस्ट-इंडीज के व्यापार से उत्पन्न वाणिज्यिक और राजनीतिक सिद्धांतों को सूचीबद्ध करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xii, 632 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | [एस.एन.], लंदन |
dc.subject | घरेलू प्रशासन, वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था, व्यापार विनियमन, ईस्ट इंडीज, विदेशी सरकार, ब्रिटिश भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1793 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001235 |
dc.format.medium | text |