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हिस्ट्री ऑफ़ धर्म-शास्त्र एंशियंट एंड मिडीवल रिलीजिस एंड सिविल लॉ

Keywords: बौद्धजन, धर्मशास्त्र, पतंजलि, धर्म, बौद्ध धर्म, इतिहास, हिंदू धर्म

Publisher: भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना

Description: पांडुरंग वामन काणे द्वारा लिखित, यह पुस्तक धर्मशास्त्र के पूरे क्षेत्र के एक अकेले व्यक्ति द्वारा सर्वेक्षण करने का पहला प्रयास है। इस दृष्टिकोण से, यह खंड एक अग्रणी कार्य माना जा सकता है। इसलिए, इस पुस्तक आरंभिक अग्रणी कार्यों की त्रुटियाँ भी दिखती हैं। पुस्तक का परवर्ती भाग परिचर्चा करता है कि धर्मशास्त्र के कितने नियम अभी भी अस्तित्वमय हैं और हिंदुओं के दैनिक जीवन को किस हद तक नियंत्रित करते हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-27T06:51:39Z
dc.date.available 2018-07-27T06:51:39Z
dc.description पांडुरंग वामन काणे द्वारा लिखित, यह पुस्तक धर्मशास्त्र के पूरे क्षेत्र के एक अकेले व्यक्ति द्वारा सर्वेक्षण करने का पहला प्रयास है। इस दृष्टिकोण से, यह खंड एक अग्रणी कार्य माना जा सकता है। इसलिए, इस पुस्तक आरंभिक अग्रणी कार्यों की त्रुटियाँ भी दिखती हैं। पुस्तक का परवर्ती भाग परिचर्चा करता है कि धर्मशास्त्र के कितने नियम अभी भी अस्तित्वमय हैं और हिंदुओं के दैनिक जीवन को किस हद तक नियंत्रित करते हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent (various pagings)
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना
dc.subject बौद्धजन, धर्मशास्त्र, पतंजलि, धर्म, बौद्ध धर्म, इतिहास, हिंदू धर्म
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1930
dc.identifier.accessionnumber AS-001120
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-27T06:51:39Z
dc.date.available 2018-07-27T06:51:39Z
dc.description पांडुरंग वामन काणे द्वारा लिखित, यह पुस्तक धर्मशास्त्र के पूरे क्षेत्र के एक अकेले व्यक्ति द्वारा सर्वेक्षण करने का पहला प्रयास है। इस दृष्टिकोण से, यह खंड एक अग्रणी कार्य माना जा सकता है। इसलिए, इस पुस्तक आरंभिक अग्रणी कार्यों की त्रुटियाँ भी दिखती हैं। पुस्तक का परवर्ती भाग परिचर्चा करता है कि धर्मशास्त्र के कितने नियम अभी भी अस्तित्वमय हैं और हिंदुओं के दैनिक जीवन को किस हद तक नियंत्रित करते हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent (various pagings)
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना
dc.subject बौद्धजन, धर्मशास्त्र, पतंजलि, धर्म, बौद्ध धर्म, इतिहास, हिंदू धर्म
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1930
dc.identifier.accessionnumber AS-001120
dc.format.medium text